दो साल की मेहनत से खत्म की गरीबी, खदान में मिले बेशकीमती हीरे से चमकी महिला की किस्मत

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले की धरती एक बार फिर किसी की किस्मत बदलने का जरिया बनी है. चोपड़ा क्षेत्र की एक निजी हीरा खदान में दो साल से मेहनत कर रही महिला श्रमिक सावित्री सिसोदिया को आखिरकार उसकी तपस्या का फल मिला, जब उसकी झोली में 2.69 कैरेट का चमचमाता बेशकीमती हीरा आया. इस हीरे की कीमत लाखों में आंकी जा रही है जिससे अब उसका जीवन बदल सकता है.

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कड़ी मेहनत का फल

सावित्री सिसोदिया ने बताया कि वह बीते दो सालों से चोपड़ा की एक निजी खदान में हीरे की तलाश कर रही थीं. उन्होंने कहा, ‘कड़ी धूप, धूल और बेहद कठिन परिस्थितियों में भी मैंने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी. आज यह हीरा पाकर मुझे लग रहा है कि मेरी मेहनत सफल हुई है. यह मेरे लिए प्रकृति का सबसे बड़ा तोहफा है

हीरा पारखी अनुपम सिंह ने बताया कि महिला द्वारा लाया गया 2.69 कैरेट का चमचमाता हीरा उच्च गुणवत्ता का है. इसका मूल्य लाखों रुपये तक हो सकता है. हीरे को विधिवत निरीक्षण कर हीरा कार्यालय में जमा कर लिया गया है. अब इसे आगामी हीरा नीलामी में रखा जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि नीलामी से जो भी राशि प्राप्त होगी, उसमें से शासकीय रॉयल्टी और करों की कटौती के बाद शेष राशि सावित्री सिसोदिया को सौंप दी जाएगी.

प्रमुख हीरा उत्पादक है पन्ना

बता दें कि पन्ना को देश के प्रमुख हीरा उत्पादक क्षेत्रों में गिना जाता है, जहां मेहनतकश लोग अपनी किस्मत आजमाने आते हैं. सावित्री की कहानी इस बात का प्रतीक है कि कठिन मेहनत और धैर्य का फल जरूर मिलता है. इससे पहले भी पन्ना की धरती ने कई लोगों की किस्मत बदली है. अब सावित्री सिसोदिया का नाम भी उन सौभाग्यशाली लोगों में जुड़ गया है, जिनकी जिंदगी एक चमचमाते हीरे ने रोशन कर दी.

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