हार में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने खुद पुष्टि की है कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भाग लेंगे। पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पीके ने कहा कि उनकी पार्टी 9 अक्टूबर को उम्मीदवारों की घोषणा करेगी और उस सूची में उनका नाम भी शामिल होगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि वे बिहार की किस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
बिहार विधानसभा के 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को संपन्न होगा। मतों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। पीके ने कहा कि पार्टी की उम्मीदवार सूची कई आश्चर्यों से भरी होगी और जनता के लिए नए विकल्प पेश करेगी।
जब उनसे जीत की संभावना के बारे में पूछा गया, तो प्रशांत किशोर ने दावा किया कि उनकी पार्टी को 28 प्रतिशत मतदाताओं का समर्थन मिलेगा, जिन्होंने न तो एनडीए और न ही इंडिया ब्लॉक को वोट दिया। उनका मानना है कि इस बार बिहार के लोग किसी दल या नेता के बजाय अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए मतदान करेंगे।
पीके ने बताया कि पिछली बार दोनों मुख्य गठबंधनों को मिलाकर 72 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार शेष 28 प्रतिशत वोट जन सुराज पार्टी को मिलने की संभावना है। अगर दोनों गठबंधनों को 10-10 प्रतिशत नुकसान होता है, तो ये वोट जन सुराज में जुड़कर पार्टी का वोट प्रतिशत 48 प्रतिशत तक पहुंचा सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए पीके ने कहा कि हाल ही में पटना मेट्रो का उद्घाटन उनका अंतिम उद्घाटन था। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब बिहार के लोग मोदी-नीतीश या लालू के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए वोट देंगे। उनका सपना है कि बिहार ऐसा राज्य बने, जहां पढ़ाई और रोजगार के लिए अन्य राज्यों के लोग भी आएं।
प्रशांत किशोर के इस कदम ने बिहार की राजनीतिक तस्वीर बदलने की उम्मीद जगाई है। जनता को एक नए विकल्प के साथ चुनाव में भाग लेने का मौका मिलेगा और आगामी विधानसभा चुनाव में जन सुराज पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है।