पटना: जनसुराज पार्टी के पहले स्थापना दिवस का समारोह शनिवार को शेखपुरा हाउस में राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी एक साल की यात्रा चाहे कैसी भी रही हो, वह हमेशा ईमानदार रही है।
प्रशांत किशोर ने कहा, “इस पर अभी तक कोई आंच नहीं आई है। मेरा यह प्रयास रहेगा कि मेरे आचार-विचार से किसी को कभी जिंदगी में शर्मिंदगी न उठानी पड़े। जितनी बुद्धि और शक्ति मुझे भगवान ने दी है, उसे मैं इस प्रयास में लगाऊंगा।” उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से भी ईमानदारी और नैतिकता बनाए रखने की अपील की।
मंच संचालन करते हुए प्रदेश महासचिव किशोर कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति को बच्चों और भविष्य की सोच से जोड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया कि राज्य की राजनीति हमेशा जाति, धर्म, भ्रष्टाचार और पलायन के इर्द-गिर्द रही है, लेकिन जनसुराज ने इसे युवाओं और भविष्य की पीढ़ी की दिशा में मोड़ने का प्रयास किया है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने कहा कि पार्टी के सूत्रधार की सोच ने पिछले तीन वर्षों में ऐसी व्यवस्था खड़ी की है कि आज न केवल बिहार और देश बल्कि विदेश में बैठे लोग भी जनसुराज पर उम्मीद और नजर रखे हैं। उन्होंने आशा जताई कि आने वाले वर्षों में पार्टी का स्थापना दिवस और बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती ने अपने संबोधन में कहा कि 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की जयंती भी है। इन दोनों महान व्यक्तियों के जीवन से प्रेरणा लेकर ही पार्टी सदस्यों को जनसुराज के मार्ग पर निरंतर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावी परिणामों से परे जीवन भर जनसुराजी बने रहना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
स्थापना दिवस समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की बड़ी संख्या मौजूद रही। इस अवसर पर प्रशांत किशोर ने सभी को धन्यवाद देते हुए यह संदेश दिया कि जनता के हित और ईमानदारी को हमेशा प्राथमिकता दी जाएगी।