प्रशांत किशोर ने औरंगाबाद में NDA नेताओं पर साधा निशाना, बोले- बिहार में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बिहार के सैकड़ों बच्चों के शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं है

औरंगाबाद : जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत लगातार अलग-अलग जिलों और प्रखंडों में लोगों से संवाद कर रहे हैं और स्थानीय पत्रकारों से भी बात कर रहे हैं.इसी कड़ी में आज उन्होंने औरंगाबाद के कुटुंबा विधानसभा अंतर्गत बभंडीह खेल मैदान में आयोजित ‘बिहार बदलाव सभा’ को संबोधित किया.

प्रशांत किशोर ने जनसभा को संबोधित करते हुए NDA नेताओं पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि आपने मोदी का चेहरा देख कर वोट दिया तो चायवाला प्रधानमंत्री बन गया.नीतीश का चेहरा देखकर वोट दिया तो वैद्य का लड़का 20 साल से शासन कर रहा है.बिहार में डबल इंजन की सरकार है. मैं पिछले 3 सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं। लोग कह रहे हैं कि 56 इंच सीना के लिए मोदी के लिए वोट दिए. लेकिन उनके अपने बच्चों का सीना 15 इंच का हो गया है.शरीर पर सूती कपड़ा या पैरों में चप्पल नहीं है.इसीलिए आपको अपने बच्चों की चिंता करनी है, कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा.

 

उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि बिहार के लोगों को लालू जी से सीखना चाहिए कि बच्चों की चिंता क्या होती है.कहा कि लालू जी का बेटा 9वीं पास भी नहीं किया है, फिर भी वह चाहते हैं कि उनका बेटा राजा बने और दूसरी तरफ बिहार के लोग जिनके बच्चे मैट्रिक, बी.ए. (B.A), एम.ए. (M.A) कर चुके हैं, फिर भी उन्हें नौकरी नहीं मिल रही है.

प्रशांत किशोर ने कुटुंबा की जनता से किया बड़ा वादा, कहा-दिसंबर 2025 से बुजुर्गों को 2000 रुपये मासिक पेंशन, बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा और युवाओं को बिहार में ही 10-12 हजार रुपये का रोजगार मिलने लगेगा.

प्रशांत किशोर ने कुटुंबा में जनता से बड़ा वादा करते हुए कहा कि दिसंबर 2025 से 60 साल से अधिक उम्र के हर पुरुष और महिला को 2000 रुपये मासिक पेंशन दी जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने बड़ा ऐलान किया कि जब तक सरकारी विद्यालयों में सुधार नहीं हो जाएगा, तब तक आप अपने 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाएं और उनकी फीस सरकार भरेगी ताकि गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ सके.

इसके अलावा प्रशांत किशोर ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दिवाली और छठ होगी.छठ के बाद कुटुंबा के या औरंगाबाद के युवाओं को 10-12 हजार रुपये की मजदूरी करने के लिए अपना घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा.बिहार भर के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं 10-12 हजार रुपये का रोजगार दे दिया जाएगा.

प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि इस बार उन्हें और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें.चाहे लालू हों, नीतीश हों या मोदी हों, इस बार नेताओं का चेहरा देखकर वोट न करें.इस बार अपने बच्चों के लिए वोट दें और बिहार में जनता का राज स्थापित करें.इस बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें.

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