Uttar Pradesh: प्रतापगढ़ जिले में जुर्म और जरायम के खिलाफ एसपी का अभियान खासी चर्चा में है. वहीं भ्रष्टाचार के एक मामले में एसपी के द्वारा दरोगा के खिलाफ हुई कार्रवाई से लोग भौचक हो उठे हैं. कड़क मिजाज पुलिस कप्तान डा0 अनिल कुमार की गाज जिले के एक दरोगा पर निलंबन से जेल तक गिरी है. जिले के महेशगंज थाने में तैनात दरोगा द्वारा बीस हजार रूपये के रिश्वत का मामला उसके गले की फांस बन गया.
एसपी डा0 अनिल कुमार ने पहले दरोगा को निलंबित किया. वहीं बुधवार को आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज देने से खाकी भी दहशत में आ गयी दिखी है. मुकदमे में एफआर लगाने के नाम पर बीस हजार की रिश्वत मांगने वाले दरोगा के खिलाफ पीड़ित द्वारा एसपी से शिकायत की गई थी. इसकी जांच एसपी द्वारा सीओ सदर कराई गई तो मामला सत्य पाया गया.
एसपी द्वारा आरोपित दारोगा को निलंबित कर दिया गया. बाद मे पुलिस द्वारा पीड़ित की तहरीर पर आरोपित दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार की धारा में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. महेशगंज थाना क्षेत्र के बदगवां निवासी धर्मेंद्र पुष्पकर पुत्र गंगाराम के खिलाफ उसके पड़ोसी ने मारपीट समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था.
जिसकी विवेचना महेशगंज थाने में तैनात दरोगा जितेंद्र सिंह कर रहें थे. विवेचक जीतेन्द्र सिंह ने द्वारा मामले में एफआर लगाने की बात कहकर बीस हजार रूपये की मांग बार बार की जा रही थी.
जिस पर पीड़ित द्वारा उन्हें पांच हजार रूपये दिया भी गया था, लेकिन पैसे देने के बाद भी मामले मे चार्जसीट लगा देने पर भी बार-बार दरोगा द्वारा पैसा मांगने पर शिकायतकर्ता धर्मेंद्र ने पूरे मामले का ऑडियो और वीडियो बना लिया और मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ से कर दिया.
जिस पर पुलिस अधीक्षक के मामले की जांच सीओ सदर करिश्मा गुप्ता से कराई तो मामला सत्य पाया गया।पुलिस अधीक्षक में महेशगंज थाने में तैनात दरोगा जितेन सिंह को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही की संस्तुति कर दी.
कप्तान के निर्देश पर महेशगंज पुलिस ने शिकायतकर्ता धर्मेंद्र पुष्पकर की तहरीर पर आरोपित दारोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर बुधवार को भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय गोरखपुर में पेश किया गया.