प्रयागराज महाकुंभ में मकर संक्रांति के बाद मंगलवार को सबसे अधिक लोगों ने संगम में स्नान किया. जानकारी के अनुसार 28 जनवरी की शाम तक करीब 4.64 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई. वहीं, कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि रात 12 बजे तक आंकड़ा 5 करोड़ के पार पहुंच जाएगा.
अब तक महाकुंभ में 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने लगाई डुबकी
दूसरे अमृत स्नान से पहले महाकुम्भ में लोगों का जनसैलाब उमड़ रहा है. अब तक महाकुंभ 2025 में डुबकी लगाने वालों का आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच गया है. पिछले 17 दिनों में महाकुंभ में 15 करोड़ से ज्यादा लोग स्नान कर चुके हैं.
मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ ने किया था स्नान
मकर संक्रांति के दिन 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, पूज्य संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान किया था. वहीं, आगामी मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ लोगों के आगमन का अनुमान है. महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस निगरानी रख रही है.
पुलिस की ड्यूटी का समय बढ़ा गया
मौनी अमावस्या पर पुलिस की ड्यूटी का समय बढ़ा दिया गया है. साथ ही सभी पुलों को बंद कर दिया गया है. घाटों के किनारे सैकड़ों की तादात में नहाने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. वहीं, मेला में परिसर में यात्री विश्राम स्थल फुल होने के चलते आकाश के नीचे श्रद्धालु रात गुजार रहे हैं.
भीड़ को देखते हुए महाकुंभ मेला क्षेत्र नो-व्हीकल जोन घोषित
मेला क्षेत्र कई हेक्टेयर में फैला हुआ है. मेला क्षेत्र को अगले कुछ दिनों के लिए नो-व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है. प्रयागराज प्रशासन ने स्थानीय निवासियों से चार पहिया वाहनों का उपयोग करने से बचने और संगम पर वरिष्ठ नागरिकों को ले जाने के लिए केवल दो पहिया वाहनों का उपयोग करने की अपील की है.
जिला मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार मंदर ने कहा, “स्थानीय निवासियों से अनुरोध है कि वे दुनिया भर से आने वाले तीर्थयात्रियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए दोपहिया वाहनों का उपयोग करें या पैदल चलें.”
हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा करने की योजना
राज्य सरकार के अनुसार, अकेले मकर संक्रांति (14 जनवरी) पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने अमृत स्नान में भाग लिया. मंगलवार को सुबह 8 बजे तक 45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया. राज्य सरकार ने कहा कि उसने बुधवार को सुबह 6.45 बजे हेलीकॉप्टर से फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा करने की भी योजना बनाई है, ताकि “मौनी अमावस्या” के शुभ अवसर को और भव्य बनाया जा सके.