प्रयागराज महाकुंभ में 3 फरवरी को बसंत पंचमी के स्नान से पहले लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है. जिसके चलते श्रद्धालुओं की भीड़ भी हो रही है. ऐसे में संगम नोज पर स्नान के लिए लोग रुक भी रहे हैं. हालांकि, मौनी अमावस्या की तरह कोई अनहोनी न हो, इसलिए पुलिस लगातार सायरन बजाकर लोगों को हटाने का काम कर रही है. क्योंकि लोग घाट किनारे रुकने के लिए रजाई-गद्दा लेकर भी पहुंच रहे हैं.
मौनी अमावस्या में होल्डिंग एरिया में लोगों का रुकना और सोना भी भगदड़ का एक कारण बना था. यही वजह है कि प्रशासन की तरफ से यहां पर पहले से स्थिति का जायजा लिया जा रहा है. बंसत पंचमी पर किसी तरह की अनहोनी न हो, इसके लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
10 लाख लोग कर रहे हैं कल्पवास
महाकुंभ में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं. बुधवार को मौनी अमावस्या पर रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था. गुरुवार सुबह 10 बजे तक करीब 93 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया है. यह कुंभ मेले के इतिहास में किसी भी एक दिन श्रद्धालुओं के स्नान की सबसे बड़ी संख्या बताई जा रही है. इससे पहले मकर संक्रांति को 3.5 करोड़ और मौनी अमावस्या के एक दिन पहले 28 जनवरी को करीब 5 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया था.
मेला प्रशासन के मुताबिक, 13 जनवरी को शुरू हुए महाकुंभ मेले में अभी तक 28 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. एक न्यूज एजेंसी ने मेले के अधिकारी के हवाले से बताया कि मेला क्षेत्र में चारों दिशाओं से करोड़ों की संख्या में लोगों का आना जारी रहा और जिला प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण करने के लिए चंद्रशेखर आजाद पार्क का गेट भी खोल दिया, जिससे लोग सड़क के बजाय पार्क में बैठ गए.
भगदड़ में 30 लोगों की हुई थी मौत
बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के स्नान से पहले महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. प्रशासन ने 3 फरवरी को होने वाले तीसरे बसंत पंचमी के स्नान की अभी से तैयारी शुरू कर दी है. इस हादसे के बाद शासन प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ बड़े बदलाव और नए आदेश जारी किए हैं.