प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले के सेक्टर 18 और 19 के बीच शनिवार को कई पंडालो में आग लग गई. सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने में जुट गईं. फिलहाल इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. साथ ही आग लगने की वजह का भी अभी तक पता नहीं चल सका है.
महाकुंभ के डीआईजी वैभव कृष्ण ने बताया कि शाम करीब 6:15 बजे लव कुश सेवा मंडल के शिविर में आग लग गई. पुलिस और दमकल विभाग ने तुरंत कार्रवाई की और करीब पांच मिनट में आग पर काबू पा लिया. डीआईजी ने बताया, शिविर में कल्पवासी (कुंभ के दौरान लंबे समय तक रहने वाले तीर्थयात्री) भी रहते थे.
आग में कमरे में रखे कंबल और अनाज जैसी चीजें जलकर खाक हो गईं. वहीं, मुख्य अग्निशमन अधिकारी (कुंभ) प्रमोद शर्मा ने बताया कि महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 19 में एक शिविर में आग लग गई और इसने सात टेंटों को अपनी चपेट में ले लिया. उन्होंने बताया, जैसे ही हमें आग लगने की सूचना मिली, दो मिनट के भीतर अग्निशमन मोटरसाइकिलें मौके पर पहुंच गईं. इसके बाद चार दमकल गाड़ियां भी मौके पर पहुंच गईं. फिलहाल, आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है.
बताते चलें कि इससे पहले भी महाकुंभ मेला क्षेत्र के अरैल की ओर पड़ने वाले सेक्टर 23 में 9 फरवरी की (रविवार) रात आग लग गई थी. घटना के बाद मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने तुरंत ही आग पर काबू पा लिया था. आग लगने की वजह गैस सिलेंडर को बताया जा रहा था. शुरुआती रिपोर्ट के मुताबिक, महाराजा भोग नाम के खान-पान की दुकान में आग लगी थी, जिसने कई पंडालों को चपेट में ले लिया था.
9 फरवरी से दो दिन पहले भी महाकुंभ मेला क्षेत्र में आग लगने की घटना सामने आई थी. तब आग सेक्टर-18 में शंकराचार्य मार्ग स्थित एक शिविर में लगी थी. घटना में कई टेंट जलकर राख हो गए थे. गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. फायर ब्रिगेड ने बड़ी अनहोनी से पहले तत्परता दिखाते हुए आग पर काबू पा लिया.
30 जनवरी को भी लगी थी आग
30 जनवरी को भी महाकुंभ के सेक्टर-22 में भी कई पंडालों में आग लग गई थी. इस आग में 15 टेंट जलकर खाक हो गए थे. वहीं, 19 जनवरी को महाकुंभ मेले के सेक्टर-19 में एक और आगजनी की घटना हुई थी, जब एक शिविर में रखे घास-फूस में आग लग गई थी. इस घटना में करीब 18 शिविर जलकर खाक हो गए थे. हालांकि, दोनों ही बार फायर ब्रिगेडकर्मियों ने तत्परता से आग पर काबू पा लिया था और किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई थी.