मेरठ के 200 साल पुराने चर्च में पहली बार हिंदी में हुई प्रार्थना, रचा गया इतिहास..

उत्तर प्रदेश के मेरठ में सेंट जॉन्स चर्च है. इस चर्च को उत्तर भारत का सबसे पुराना चर्च माना जाता है. 1809 में इस चर्च का निर्माण कार्य शुरू हुआ. 1822 में इस चर्च का निर्माण काम पूरा हुआ. इस चर्च में 1857 के विद्रोह (10 मई) के एक दिन बाद रविवार को हिंदी प्रार्थना आयोजित की गई. इसके साथ ही चर्च में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी में प्रार्थना शुरू हो गई है.

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चर्च के प्रभारी पादरी रेवरेंड रिनवी नोएल ने कहा कि चर्च में हिंदी प्रार्थना आयोजित और शुरू करने के लिए साल 1857 के विद्रोह की वर्षगांठ से बेहतर अवसर क्या हो सकता है.रेवरेंड रिनवी नोएल ने कहा कि चर्च के कुछ पुराने सदस्य और गैर-हिंदी भाषी राज्यों से आने वाले लोग चर्च में हिंदी प्रार्थना आयोजित करने से झिझक रहे थे. चर्च के एक सदस्य ने कहा कि यह चर्च इतिहास से जुड़ा हुआ है और इसकी अंग्रेजी प्रार्थना इस इतिहास का हिस्सा है, लेकिन हमने हिंदी प्रार्थना आयोजित की और इसे शुरू करने का फैसला किया.

स्थानीय लोगों ने क्या कहा

स्थानीय लोगों के लिए चर्च में हिंदी में प्रार्थना की घोषणा राहत भरी खबर है. एक ईसाई महिला ने कहा कि वो हमेशा से यहां प्रार्थना का हिस्सा बनना चाहती थीं, लेकिन भाषा बाधा थी. यह बहुत बढ़िया है कि अब हिंदी में प्रार्थना की बात कही जा रही है. वो इसमें भाग लेने के लिए उत्सुक हैं. बता दें कि चर्च के प्रमुख द्वार से लेकर चर्च परिसर तक अलग-अलग तरह की क्रिश्चियन धर्म से जुड़ी खूबसूरत प्रतिमाएं लगाई गई हैं. क्रिसमस के मौके पर चर्च को बहुत भव्य रूप से सजाया जाता है. भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी ईसाई धर्म के लोग चर्च में प्रार्थना करने के लिए पहुंचते हैं.
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