राजस्थान की राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल प्रशासन की लापरवाही के चलते एक महिला की मौत हो गई. जिसके बाद परिवार ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा. फिलहाल अस्पताल प्रशासन ने किसी भी तरह की लापरवाही होने की बात से इंकार कर दिया है. वहीं, पीड़ित परिवार का कहना है कि महिला की मौत गलत ग्रुप का खून चढ़ाने से हुई है. इससे संबंधित कुछ दस्तावेज भी सामने आए हैं, जिसमें अस्पताल की लापरवाही की साफ तौर पर नजर आ रही है.
टोंक जिले के निवाई की रहने वाली 23 साल की महिला को 12 मई को एसएमएस की इमरजेंसी से भर्ती करवाया गया था. महिला को वेंटिलेटर पर रखा गया था. इसके अलावा महिला 5 महीने की गर्भवती थी. उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की हार्ट रेट नहीं आ रही थी.सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ सुनील भाटी ने बताया कि जब महिला अस्पताल में भर्ती हुई तब उसकी हालत काफी क्रिटिकल थी, जिसके बाद उसे वेंटिलेटर पर लेना पड़ा.
टोंक से किया गया था रेफर
गलत खून चढ़ा है या नहीं इसकी जांच की जा रही है. जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी. महिला को टोंक से जयपुर रैफर किया गया था. अधीक्षक का कहना है कि महिला को टीबी और प्रेगनेंसी से जुड़ी समस्या थी. अस्पताल में भर्ती होने पर महिला को शुरू से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा था. ज्यादा हालत बिगड़ने पर महिला को बायपेप मशीन पर रखा गया. बायपेप पर भी स्थिति में सुधार नहीं आया तो महिला को 15 मई को वेंटिलेटर पर लिया गया.
वेंटिलेटर पर हुई डिलीवरी
महिला की बिगड़ती हालत हो देखते हुए डॉक्टरों ने गायनी डिपार्टमेंट की डॉक्टरों को बुलाकर 19 मई को वेंटिलेटर पर महिला की डिलीवरी करवाई गई. डिलीवरी के बाद तुरंत महिला का हीमोग्लोबिन काफी नीचे आ गया और महिला को ब्लड चढ़ाया गया. टीबी के कारण फेंफड़ों ने भी काम करना कम कर दिया था. इसके बाद महिला ने दम तोड़ दिया.