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प्रेग्नेंट महिला को डिलीवरी के लिए मिली 6 महीने की जमानत, जानें क्या है पूरा मामला

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक गर्भवती महिला को छह महीने की जमानत दी है. इस महिला को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था. अदालत ने कहा कि जेल के माहौल में बच्चे का जन्म होना न केवल मां बल्कि बच्चे के स्वास्थ्य और सम्मान को भी प्रभावित करेगा. जस्टिस उर्मिला जोशी-फाल्के की पीठ ने 27 नवंबर को सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कैदियों को भी सम्मान का अधिकार है, और जेल में बच्चे का जन्म कई गंभीर प्रभाव डाल सकता है.

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सुरभि सोनी, को अप्रैल 2024 में नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटांसेस (NDPS) मामले में गिरफ्तार किया गया था. महाराष्ट्र की गोंदिया रेलवे सुरक्षा बल ने एक ट्रेन में छापेमारी के दौरान पांच लोगों से मादक पदार्थ जब्त किए थे, जिनमें सोनी भी शामिल थीं. इस पर अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपियों के पास से 33 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ, जिसमें से सात किलोग्राम सोनी के सामान से मिला. हालांकि गिरफ्तारी के समय वह दो महीने की गर्भवती थी.

जेल के अस्पताल मेंडिलीवरी संभव

सोनी ने मानवीय आधार पर जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया, ताकि वह जेल के बाहर बच्चे को जन्म दे सके. हालांकि, अभियोजन पक्ष ने इसका विरोध करते हुए कहा कि आरोपी के पास से व्यावसायिक मात्रा में गांजा मिला है और जेल में उनकी डिलीवरी के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी. हालांकि इसके बावजूद अदालत ने माना कि जेल में सरकारी अस्पताल में डिलीवरी संभव है, लेकिन इसे मानवीय दृष्टिकोण से देखना भी जरूरी है.

जांच पर क्या पड़ेगा असर?

अदालत ने कहा कि ‘जेल में गर्भावस्था के दौरान बच्चे का जन्म न केवल मां बल्कि बच्चे पर भी प्रभाव डाल सकता है. हर व्यक्ति को सम्मान का अधिकार है, जिसमें कैदी भी शामिल हैं.’ अदालत ने यह भी कहा कि मामले में आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया सामग्री मौजूद है, लेकिन सोनी को जमानत देने से जांच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि जांच पहले ही पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है.

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