Uttar Pradesh: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद होने वाले पहले दीपोत्सव को भव्य बनाने की तैयारी हो रही है. 25 लाख से ज्यादा दीयों से अयोध्या को रोशन करके नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है. 55 घाटों पर जलने वाले दीयों में 90 हजार लीटर सरसों का तेल लगेगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं.
फिर रिकॉर्ड बुक में दर्ज होगा अयोध्या दीपोत्सव
22 जनवरी को हुई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद इस बार अयोध्या दीपोत्सव ऐतिहासिक होगा. ये आठवां दीपोत्सव होगा जिसमें 25 लाख दीये जलाने का लक्ष्य रखा गया है. यूपी सरकार ने दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. इस बार सातवीं बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अयोध्या धाम का नाम दर्ज़ कराने की तैयारी है. इसके लिए राम मनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी को नोडल संस्था बनाया गया है.
अवध यूनिवर्सिटी के 30 हजार वॉलेंटियर्स पर जिम्मेदारी
इस बार दीपोत्सव 30 अक्टूबर को है. दीपोत्सव में 25 लाख दीए जलाने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राम की पैड़ी, नया घाट समेत 55 घाटों पर 28 लाख दीए बिछाये जाएंगे. अवध विश्वविद्यालय प्रशासन ने 30 हजार वॉलेंटियर्स को लगाने की तैयारी की है. इसमें विश्वविद्यालय परिसर सहित 14 महाविद्यालय, 37 इंटर कालेज, 40 स्वयं सेवी संस्थाएं (NGO) के छात्र और शिक्षक शामिल होंगे. विश्वविद्यालय ने घाटों पर मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है. इसके लिए वॉलेंटियर्स 15 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे. उसके बाद 20 अक्टूबर से उनके आई कार्ड का वितरण शुरू कर दिया जाएगा.
90 हजार लीटर सरसों का तेल लगेगा
17-18 अक्टूबर से घाटों पर वॉलेंटियर्स मार्किंग का कार्य शुरू कर देंगे और 26 अक्टूबर से घाटों पर दीयों की खेप पहुंचेगी. अनुमान लगाया गया है कि इस बार दीये जलाने में 90 हज़ार लीटर सरसों का तेल लगेगा. घाटों पर 16×16 के ब्लॉक बनाए जाएंगे. इनमें 30 दीये सजाए जाएंगे जिसमें 39 एमएल सरसों का तेल लगेगा. 27 अक्टूबर से इन ब्लॉक्स में दिये बिछाने का काम होगा. दीपोत्सव के मुख्य इवेंट के अलावा 4 दिन का कार्यक्रम भी होगा. योगी सरकार इस बार के दीपोत्सव को यादगार और सबसे ज़्यादा भव्य बनाने की तैयारी में है.