भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद हताशा से जूझ रही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अब आक्रामक रुख अख्तियार कर चुकी है. अब कांग्रेस एकजुट भी दिख रही है और जनता के मुद्दों को लेकर सड़कों पर संघर्ष करती दिख रही है. एक माह से प्रदेश कांग्रेस के सभी दिग्गज कई विरोध प्रदर्शन में अपनी ताकत दिखा चुके हैं. इसी क्रम में मंगलवार 27 अगस्त को एक बार फिर प्रदेश के सारे दिग्गज सड़क पर उतरने की तैयारी में हैं. एससी-एसटी पर अत्याचार का मुद्दा बनाकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री आवास घेरने की तैयारी की है. इधर, पुलिस ने भी सुरक्षा के लिहाज से पूरी तैयारी कर रखी है.
पूरे प्रदेश से 2 हजार कार्यकर्ता होंगे शामिल
मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए प्रदेश कांग्रेस के नेता एक सप्ताह से तैयारी कर रहे हैं. ये प्रदर्शन मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति विभाग कांग्रेस द्वारा किया जा रहा है. इस मौके पर पूरे प्रदेश से कांग्रेस के दिग्गज शामिल होंगे. कांग्रेस का कहना है कि ये घेराव राज्य सरकार की निष्क्रियता के खिलाफ किया जा रहा है. इस सरकार में दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार लगाताार बढ़ रहे हैं. कांग्रेस ने सभी जिलों के नेताओं को इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए बुलाया है.
पुलिस के सामने कांग्रेसियों को रोकने की चुनौती
मध्यप्रदेश कांग्रेस के अनुसूचित जाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार ने रोष जताते हुए कहा “इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से कार्यकर्ता आएंगे. कांग्रेस कार्यकर्ता मुख्यमंत्री आवास का घेराव करेंगे और सरकार को कड़ी चेतावनी देंगे.” दावा किया जा रहा है कि इसमें करीब दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ता भाग लेंगे. वहीं, पिछले प्रदर्शन में दो विधायकों के वाटर कैनन की चपेट में आने से गिरने के बाद पुलिस के सामने ये चुनौती रहेगी कि कांग्रेसियों को कैसे मुख्यमंत्री आवास तक पहुंचने से रोका जाए. पुलिस ने रोशनपुरा चौराहे से लोकर सीएम हाउस तक तगड़ी बैरीकेडिंग की है.