जगदीप धनखड़ ने सोमवार शाम को अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि यह फैसला उन्होंने “स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने” के लिए लिया है. 74 वर्षीय धनखड़ 2022 से उपराष्ट्रपति पद संभाल रहे थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज, बुधवार को उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया.
संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही उनका इस्तीफा काफी चौंकाने वाला है. दिन में वह राज्यसभा में मौजूद थे, जहां नेता सदन जेपी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले को लेकर तीखी बहस हुई थी. इस दौरान उपराष्ट्रपति को यह कहते सुना गया था कि वह सुनिश्चित करेंगे कि मुद्दे को लेकर तमाम पहलुओं पर चर्चा हो.
बाद में उन्होंने विपक्ष और सत्ता पक्ष की एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें कहा जा रहा है कि सत्ता पक्ष के सांसद नहीं पहुंचे. इसके बाद देर शाम जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया, जिसको लेकर अटकलों का दौर जारी है.