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कजाकिस्तान में मिले रूस-चीन के राष्ट्रपति: पुतिन बोले- दोनों देशों में ऐसी दोस्ती कभी नहीं रही, जिनपिंग ने उन्हें पुराना दोस्त बताया

मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में बुधवार से SCO समिट की शुरुआत हो गई. इस बैठक से अलग रूसी राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई. पिछले 2 महीने में ये दूसरी बार है जब दोनों नेता मिले हैं.

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इस दौरान दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ संबंधों की तारीफ की. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जिनपिंग से मुलाकात के दौरान कहा कि बीजिंग और मॉस्को के बीच इतने बेहतर संबंध कभी नहीं रहे. रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद दोनों की ये पांचवीं मुलाकात हुई है. राष्ट्रपति पुतिन ने SCO की सराहना करते हुए कहा कि ये एक निष्पक्ष संगठन है जो कि बहुध्रुवीय व्यवस्था बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पुतिन की तारीफ की और उन्हें अपना ‘पुराना मित्र’ बताया. उन्होंने कहा कि चीन और रूस के बीच संबंध पहले से कहीं बेहतर हुए हैं. शी जिनपिंग ने कहा कि दुनिया में अशांति छाई है. ऐसे में दोनों देशों को आने वाली पीढ़ियों के लिए मित्रता कायम रखनी चाहिए.

रूस के साथ बार्टर सिस्टम से बिजनेस करना चाहता है पाक
पाकिस्तानी वेबसाइट डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक SCO बैठक से अलग बुधवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की. इस दौरान पाकिस्तानी PM ने पुतिन से पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए ‘बार्टर सिस्टम’ अपनाने पर जोर दिया. बार्टर सिस्टम में दोनों देश बिना किसी करेंसी का इस्तेमाल किए अपनी चीजें बदल कर बिजनेस कर सकते हैं.

शरीफ ने कहा कि इससे पाकिस्तान को बहुत लाभ होगा तथा कई अन्य चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी. पीएम शहबाज ने कहा कि1950 और 1960 के दशक में पाकिस्तान और रूस के बीच बार्टम सिस्टम की मदद से ही व्यापार होता था. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनका देश पाकिस्तान को तेल की सप्लाई करने के साथ अनाज देकर खाद्य सुरक्षा में भी सहयोग करना चाहता है.

एर्दोगन बोले- युद्ध खत्म करने में मदद कर सकता है तुर्किए
पुतिन ने अस्ताना में बैठक के दौरान तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन से भी मुलाकात की. एर्दोगन ने कहा कि तुर्किए रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने में मदद कर सकता है. तुर्की राष्ट्रपति कार्यालय के बयान के मुताबिक पुतिन और एर्दोगन ने गाजा में चल रहे युद्ध के साथ-साथ सीरिया में संघर्ष रोकने के तरीकों पर भी चर्चा की.

रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास जंग के बीच ये पहला मौका है जब पुतिन, शी जिनपिंग, शहबाज शरीफ और एर्दोगन एक साथ, एक मंच पर हैं. हालांकि तुर्किये इस संगठन का सदस्य नहीं है. एर्दोगन बतौर गेस्ट इस समिट में भाग ले रहे हैं.

SCO समिट में शामिल नहीं हो रहे PM मोदी
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी SCO समिट में हिस्सा नहीं ले रहे हैं. उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं. इस बार की बैठक में SCO की बीते 20 सालों की गतिविधियों की समीक्षा करने के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हो रही है. भारत के विदेश मंत्रालय के जारी बयान के मुताबिक SCO में भारत का जोर सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, एकता, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय एकता, सहयोग और पर्यावरण सुरक्षा पर है.

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