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224 संदिग्ध लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई, रायपुर पुलिस ने चलाया वेरिफिकेशन ड्राइव

रायपुर: गुरुवार को रायपुर पुलिस ने ”ऑपरेशन समाधान” अभियान चलाया. ऑपरेशन समाधान के तहत पुलिस ने 224 संदिग्ध लोगों के खिलाफ कार्रवाई की. पकड़े गए लोग बिना किसी पहचान पत्र को जमा किए चोरी छिपे शहर में रह रहे थे. ऑपरेशन समाधान के तहत जिन 224 लोगों पर एक्शन लिया गया उनमें कई राज्यों के लोग शामिल हैं.

”ऑपरेशन समाधान” अभियान: रायपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने बताया कि हमें सूचना मिली थी कि छत्तीसगढ़ के गैर मूल निवासी यहां के विभिन्न क्षेत्रों में बिना स्थानीय पुलिस थानों को अपना परिचय पत्र दिए रह रहे हैं. इसके साथ ही कई लोग संदिग्ध गतिविधियों में भी लिप्त हैं. इसलिए ऑपरेशन समाधान हमने चलाया. इसके तहत 350 पुलिस कर्मियों द्वारा कोतवाली, सिविल लाइन, आजाद चौक, पुरानी बस्ती और उरला क्षेत्रों में रेकी की गई.

नगरीय निकाय चुनाव: नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को देखते हुए रायपुर के आईजी अमरेश कुमार मिश्रा के निर्देश पर अन्य राज्यों से आकर रायपुर में निवास करने वाले बाहरी व्यक्तियों के

4 राज्यों के लगभग 2013 व्यक्तियों को पुलिस लाइन में लाकर उनकी पहचान की गई. जिसमें 224 बाहरी व्यक्तियों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई करने के साथ ही लगभग 200 संदिग्ध मोबाईल नंबरों को डी-ऐक्टिवेट कराया गया. बाहरी व्यक्तियों के क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी प्राप्त करने के लिए उनके राज्यों के संबंधित थानों में उनके खिलाफ एस.एस.रोल जारी किया गया. कुछ संदिग्ध व्यक्तियों के आधार के एड्रेस के वेरिफिकेशन के लिए संबंधित थानों को पत्र लिखा जा रहा है. रायपुर पुलिस के द्वारा बाहरी व्यक्तियों के खिलाफ यह अभियान आगे भी जारी रहेगा – लाल उमेद सिंह, एसएसपी, रायपुर

कई राज्यों के लोग शामिल: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा कि हम 2013 लोगों को दस्तावेजों के सत्यापन के लिए पुलिस लाइन में लाए हैं. इनमें पश्चिम बंगाल से 394, उत्तर प्रदेश से 571, बिहार से 320, ओडिशा से 184, महाराष्ट्र से 110, मध्य प्रदेश से 273, राजस्थान से 54, जम्मू-कश्मीर से चार, झारखंड से 71, गुजरात से 17, नेपाल और दिल्ली से सात 7 लोग शामिल हैं. साथ ही नागालैंड का एक शख्स भी मिला है. पुलिस की साइबर विंग और चिप्स (छत्तीसगढ़ इन्फोटेक प्रमोशन सोसाइटी) के कर्मियों ने उनके आधार कार्ड की जांच की है. जांच में पाया गया कि 90 से 95 प्रतिशत लोगों ने संबंधित पुलिस स्टेशनों में अपने पहचान दस्तावेज जमा नहीं किए हैं.

दूसरे राज्यों की पुलिस को भेजे गए दस्तावेज: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले ने कहा कि लोगों के बारे में अधिक जानकारी एकत्र करने के लिए संबंधित राज्यों के पुलिस स्टेशनों को विवरण भेजा जा रहा है. यह देखा गया है कि पूर्व में अन्य राज्यों के लोग, विभिन्न प्रतिष्ठानों में काम करते समय चोरी और डकैती जैसे अपराधों के लिए पकड़े गए थे.

मंडल मजिस्ट्रेट की अदालत में किया गया पेश: दस्तावेज सत्यापन के दौरान 224 लोग, जिनमें से अधिकतर फेरीवाले के रूप में काम करते थे, संदिग्ध पाए गए. रायपुर में अपने प्रवास के बारे में संतोषजनक उत्तर देने में विफल रहे हैं. उनके खिलाफ रोकथाम धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. इन लोगों कों उप मंडल मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया है. हमने अभियान के दौरान 200 संदिग्ध मोबाइल नंबर भी निष्क्रिय कर दिए हैं.

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