दुर्ग जिले के स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम स्कूल की प्रिंसिपल संगीता नायर को सस्पेंड कर दिया गया है। प्राचार्य पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने छात्रों से चोटी काटने, तिलक न लगाने और रक्षा सूत्र न पहनने को कहा। परीक्षा के दौरान धार्मिक प्रतीकों पर टिप्पणी की। छात्रों को टीसी देने की धमकी भी दी।
इन सभी आरोपों की जांच के बाद सही पाए जाने पर स्कूल शिक्षा विभाग ने सोमवार (22 सितंबर) को यह कार्रवाई की। निलंबन के बाद संगीता नायर का मुख्यालय कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक दुर्ग निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा।
कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार का भी आरोप
शासन के मुताबिक, प्रिंसिपल का यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन है। उन्होंने परीक्षा कार्य में सहयोग नहीं किया। सेवानिवृत्त व्याख्याता के अवकाश लेखे का निपटारा लंबित रखा। कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार किया।
बजरंग दल दुर्ग के संयोजक सौरभ देवांगन ने कहा कि प्राचार्य धार्मिक प्रतीक धारण करने वाले छात्रों को परेशान करती थीं। हाल ही में बड़ी संख्या में ऐसे छात्रों को फेल किया गया, जो धार्मिक प्रतीक लगाते थे।
अन्य शिकायतें भी बनीं आधार
सरकारी आदेश में केवल धार्मिक प्रतीकों वाला विवाद ही नहीं, बल्कि अन्य गंभीर बिंदुओं का भी उल्लेख किया गया है। इनमें ओपन स्कूल परीक्षा केंद्र के काम में सहयोग नहीं करना, आवश्यक दस्तावेजों का समय पर निपटारा न करना और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार शामिल है।
शिक्षा विभाग के मुताबिक इन सब कारणों से संगीता नायर का आचरण “गंभीर कदाचार” की श्रेणी में आता है। आगे की कार्रवाई दुर्ग जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा ने कहा है कि शिकायतें उनके पास पहुंची थीं और जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी।
शासन के आदेश के बाद अब निलंबन लागू कर दिया गया है। मामले की आगे भी विभागीय जांच होगी और दोष सिद्ध होने पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है।