दो हजार रुपये में डोल गया प्राचार्य का ईमान, Sports Teacher से रिश्वत लेते सहयोगी शिक्षक समेत गिरफ्तार

गुना: लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऊमरी के प्राचार्य और उच्च माध्यमिक शिक्षक को दो हजार रुपये की रिश्वते लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। जो उन्होंने विद्यालय के खेल शिक्षक से मैदान में कराए काम का बिल स्वीकृत करने के बदले मांगे थे। पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया है।

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खेल आयोजन का बिल

लोकायुक्त निरीक्षक ग्वालियर कवींद्र सिंह चौहान ने बताया कि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य उमाकांत जोशी हैं। इसी विद्यालय में नवलकिशोर कुशवाह प्राथमिक खेल शिक्षक हैं।

लोकायुक्त पुलिस ग्वालियर को दर्ज शिकायत में खेल शिक्षक कुशवाह ने कहा था कि पिछले बाल दिवस पर खेलों का आयोजन किया गया था। इससे पहले खेलों के लिए मैदान तैयार कराया गया था। इसमें चूना डलवाया गया, पोल्स की पुताई कराई गई थी। विजेता छात्रों को देने प्रमाण पत्र तैयार कराए थे।

50 फीसद कमीशन मांगा

इन सब का खर्चा खेल शिक्षक द्वारा ही वहन किया गया था। इसके बाद खेल शिक्षक द्वारा दुकानदार से पांच हजार रुपये का बिल लेकर प्राचार्य उमाकांत जोशी को भुगतान के लिए दिया था।

लेकिन प्राचार्य ने बिल स्वीकृत करने के बदले 50 फीसद कमीशन मांगा। निरीक्षक चौहान ने बताया कि उक्त शिकायत का सत्यापन कराया गया, जो सही पाए जाने पर मंगलवार को कार्रवाई की गई।

प्राचार्य ने उच्च माध्यमिक शिक्षक को रिश्वत देने किया इशारा

लोकायुक्त टीम ग्वावलियर से गुना जिला स्थित ऊमरी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पहुंची, जहां याेजना मुताबिक खेल शिक्षक कुशवाह प्राचार्य जोशी को रिश्वत की तय राशि दो हजार रुपये देने पहुंचे।

इस पर प्राचार्य ने उच्च माध्यमिक शिक्षक उमेश बैरागी को देने इशारा कर दिया। इधर, जैसे ही शिक्षक बैरागी ने रिश्वत की राशि ली, लोकायुक्त पुलिस की टीम ने ट्रैप कर लिया।

प्राचार्य द्वारा रिश्वत मांगने से मन व्यथित था: खेल शिक्षक

इधर, शिकायतकर्ता खेल शिक्षक कुशवाह ने बताया कि पिछले बाल दिवस पर खेल मैदान तैयार करने का कार्य प्राचार्य से स्वीकृति लेने के बाद कराया था। इस पर पांच हजार रुपये का खर्च आया था, जिसका बिल भुगतान करने प्राचार्य को दिया, लेकिन पहले तो आनाकानी करते रहे।

इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत की, 15 जनवरी को प्राचार्य ने पांच हजार रुपये का चेक दिया। लेकिन दो हजार रुपये की रिश्वत मांगी। इससे मन बहुत व्यथित हुआ, तो लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

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