चित्तौड़गढ़ जेल में बंद कैदी की हार्ट अटैक से मौत:ढाई साल से नहीं मिल पाई थी जमानत, परिजनों ने कहा– नहीं चाहिए कोई जांच

चित्तौड़गढ़ जिला जेल में बंद 58 वर्षीय कैदी की हार्ट अटैक से मौत हो गई। यह घटना सोमवार रात की है। मृतक कैदी का नाम सुखपाल सिंह था, जो पंजाब का रहने वाला था। उसे एनडीपीएस (NDPS) एक्ट के तहत साल 2022 में निंबाहेड़ा सदर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब से वह लगातार चित्तौड़गढ़ जिला जेल में बंद था और उसे जमानत भी नहीं मिल पाई थी। मृतक के परिजन मंगलवार दोपहर को चित्तौड़गढ़ पहुंचे।

दरअसल, सोमवार को अचानक सुखपाल सिंह की तबीयत खराब हो गई थी। जेल प्रशासन ने तुरंत उसे चित्तौड़गढ़ जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान रात में उसकी मौत हो गई। हॉस्पिटल प्रशासन ने इसकी जानकारी जेल प्रशासन को दी, जिसके बाद सुखपाल के परिवार को पंजाब में सूचना दी गई।

परिजनों ने पोस्टमॉर्टम से किया इनकार मंगलवार दोपहर को सुखपाल के परिजन चित्तौड़गढ़ पहुंचे। उनमें उसका इकलौता बेटा भी शामिल था। परिजनों ने प्रशासन को साफ तौर पर बताया कि वे पोस्टमॉर्टम नहीं करवाना चाहते और ना ही किसी तरह की जांच कराना चाहते हैं। लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट के समझाने के बाद परिजन पोस्टमार्टम के लिए माने। जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम किया गया और परिजनों को सौंप दिया। शव लेकर परिजन पंजाब रवाना हो गए।

वहीं, जेल के एडिशनल एसपी निरंजन शर्मा ने बताया कि सोमवार को कैदी की तबीयत खराब हो गई थी तो मैं हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। जहां उसकी मौत हो गई। अब इसकी जांच न्यायिक मजिस्ट्रेट इसकी जांच करेंगे।

मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में परिजनों को सौंपा शव मौके पर मजिस्ट्रेट भी पहुंचे। उनके सामने परिजनों के बयान दर्ज हुए और उनकी सहमति के बाद शव को उन्हें सौंप दिया गया। उन्होंने शव को लेकर पंजाब वापस लौटने की तैयारी कर ली है। आगे की जांच मजिस्ट्रेट द्वारा की जाएगी।

ढाई साल से जेल में बंद था कैदी सुखपाल सिंह को 4 जनवरी 2022 को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। तब से वह चित्तौड़गढ़ जेल में ही बंद था। कोर्ट से उसे कभी भी जमानत नहीं मिल सकी थी। लगभग ढाई साल से वह जेल में बंद था।

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