प्रदेश में 2024-05 सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होगी। इसके अनुसार यूजी फर्स्ट ईयर की पढ़ाई सेमेस्टर प्रणाली से होगी। इसके अलावा भी कई बदलाव किए जा रहे हैं। हालांकि, एनईपी लागू होने के बाद प्राइवेट (स्वध्यायी) छात्रों के लिए क्या सिस्टम होगा? इसको लेकर संशय की स्थिति थी। लेकिन अब यह स्थिति साफ हो गई है।
जानकारी के अनुसार रेगुलर की तरह प्राइवेट से परीक्षा देने वाले छात्रों को भी अब साल में दो बार परीक्षा देनी होगी। इसके अलावा इन्हें इंटर्नल एग्जाम भी देने होंगे। इतना ही नहीं, सत्र की शुरुआत में ही इनका रजिस्ट्रेशन होगा। साथ ही परीक्षा के लिए शुरुआत से ही कॉलेज का चयन भी करना होगा। रेगुलर क्लास को छोड़कर अन्य सभी गतिविधियां लगभग नियमित छात्रों की तरह ही होगी। नए सत्र से ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में यह बदलाव होगा। उधर, एनईपी को लेकर लेकर उच्च शिक्षा विभाग से ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। सिलेबस और अन्य गाइडलाइन जल्द ही जारी होगी।
पिछली बार प्रदेश में 2.80 लाख छात्रों ने प्राइवेट से दी थी परीक्षा
पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के अलावा, दुर्ग विवि, बिलासपुर विवि, सरगुजा विवि, बस्तर विवि और रायगढ़ विवि की वार्षिक परीक्षा में पिछली बार करीब 2 लाख 80 हजार छात्र प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में शामिल हुए थे। वे बीए, बीकॉम, बीएससी, एमए, एमकॉम, एमएससी समेत अन्य की परीक्षा में शामिल हुए थे। रविवि में प्राइवेट छात्रों की एग्जाम फीस 1610 रुपए है। अन्य विवि में भी लगभग इतनी ही शुल्क है। इसे आधार बनाया जाए तो पिछली बार प्राइवेट छात्रों से विश्वविद्यालयों को करीब 45 करोड़ रुपए की फीस मिली। इस बार स्वाध्यायी छात्रों की संख्या कम हुई है, फिर भी इनकी संख्या करीब 2.40 लाख है।
सेकंड ईयर के छात्रों की परीक्षा एनुअल पैटर्न से ही
जानकारी के मुताबिक नए सत्र से एनईपी ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर से लागू हो रही है। सत्र 2025-26 से सेकंड ईयर और फिर थर्ड ईयर में लागू होगी। इसलिए अभी जो छात्र यूजी सेकंड ईयर या थर्ड ईयर में हैं, या जाने वाले हैं। वे अगले साल भी एनुअल पैटर्न से ही एग्जाम देंगे। विश्वविद्यालयाें से इनके लिए वार्षिक परीक्षा आयोजित की जाएगी।
8 कॉलेजों में यूजी की पढ़ाई पहले से ही सेमेस्टर से
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 9 शासकीय विश्वविद्यालय हैं। इनसे संबद्ध 335 शासकीय और 314 निजी महाविद्यालय हैं। साइंस कॉलेज, डिग्री गर्ल्स कॉलेज, छत्तीसगढ़ कॉलेज समेत प्रदेश के 8 ऑटोनोमस कॉलेज जहां कुछ साल पहले चार वर्षीय ग्रेजुएशन प्रोग्राम शुरू किया गया है। इन कॉलेजों को छोड़कर अन्य में ग्रेजुएशन की पढ़ाई वार्षिक प्रणाली के तहत है। इसके अनुसार रेगुलर और प्राइवेट दोनों तरह के छात्र साल में एक बार वार्षिक परीक्षा देते हैं। लेकिन इस बार से पूरा पैटर्न बदल जाएगा।
इसमें स्वाध्यायी छात्रों के लिए न सिर्फ इंटर्नल एग्जाम में शामिल होना जरूरी है, बल्कि इसमें पास भी होना होगा। तभी वे सेमेस्टर एग्जाम दे पाएंगे। जानकारी के मुताबिक हर सेमेस्टर में 30 नंबर का दो इंटर्नल एग्जाम होगा। किसी एक में शामिल होना अनिवार्य होगा। इन दोनों एग्जाम में जिसमें अच्छा नंबर आएगा उसे आधार माना जाएगा। इसके अनुसार तय होगा कि छात्र आगामी सेमेस्टर परीक्षा में शामिल हो पाएंगे या नहीं।