सुप्रीम कोर्ट के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली कॉलेजियम की बैठक जल्द होगी जिसमें दो जजों के खाली पद भरने पर विचार होगा. सुप्रीम कोर्ट में कुल स्वीकृत जजों की संख्या 34 के मुकाबले अभी 32 जज ही हैं.
दरअसल अप्रैल और मई में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस एएस बोपन्ना रिटायर हुए हैं. इन जजों की सेवानिवृत्ति के बाद, सुप्रीम कोर्ट 32 जजों के साथ काम कर रहा है. वहीं जस्टिस हिमा कोहली सितंबर में रिटायर हो रही हैं.
सूत्रों के मुताबिक जस्टिस चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की बैठक में जिन नामों पर विचार किया जाना है, उनमें कई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और सीनियर जज शामिल हैं. कॉलेजियम के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हृषिकेश रॉय हैं.
दो महीने पहले मई में न्यायमूर्ति बोपन्ना की सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति रॉय पांच सदस्यीय कॉलेजियम में नये सदस्य हैं. सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए चीफ जस्टिस के अलावा वरिष्ठता क्रम में चार सीनियर जज होते हैं. जबकि हाईकोर्ट में जजों को नियुक्ति में ये क्रम चीफ जस्टिस और दो अन्य वरिष्ठतम जज होते हैं.
कॉलेजियम प्रणाली क्या है
इस प्रणाली के तहत न्यायालयों में जजों की नियुक्ति की जाती है, इसकी खास बात ये है कि कॉलेजियम का उद्भव, संसद के किसी अधिनियम या संविधान के किसी प्रावधान के द्वारा नहीं हुआ है, बल्कि साल 1993 में कॉलेजियम प्रणाली को न्यायालय अपने फैसले से लेकर आया था. इस प्रणाली के अंतर्गत जजों की नियुक्ति के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश के अलावा उनके चार वरिष्ठ सहयोगी होते हैं.