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बेमेतरा बारूद फैक्ट्री में उत्पादन बंद, फैक्ट्री प्रबंधन मृतकों के परिजनों को देगा 30-30 लाख रुपये

छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट के बाद बुधवार को प्रशासन ने यूनिट में उत्पादन और गतिविधियों बंद करने का आदेश जारी किया. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन एक मृतक और आठ लापता श्रमिकों के परिजनों को 30-30 लाख रुपये की वित्तीय सहायता देगा. जो सरकार की तरफ से घोषित मुआवजे के अतिरिक्त होगी.

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25 मई को बेरला विकास खंड के पिरदा गांव के पास स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में हुए विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई. 6 घायल हो गए. ब्लास्ट के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान बचाव दल को मलबे में शरीर के अंग भी मिले थे. जिला प्रशासन के मुताबिक, लापता लोगों की पहचान के लिए शरीर के हिस्सों को DNA जांच के लिए भेजा गया है. मृतकों के लिए राज्य सरकार द्वारा घोषित मुआवजा मलबे में मिले शरीर के हिस्सों की DNA जांच के बाद लापता श्रमिकों के परिजनों को दिया जाएगा.

बेमेतरा कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा- स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड में विस्फोट से कई लोगों की जान चली गई है. घटना के बाद लोगों की सुरक्षा को देखते हुए अगले आदेश तक फैक्ट्री में उत्पादन और उससे जुड़ी गतिविधियों को बंद करने का आदेश दिया गया है. साथ ही ये भी कहा गया कि फैक्ट्री बंद रहने के दौरान वहां विस्फोटक सामग्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी फैक्ट्री प्रबंधन की होगी.

जिला प्रशासन ने घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी जारी कर दिए हैं. सोमवार को जारी आदेश के मुताबिक बेमेतरा जिले के अनुविभागीय दंडाधिकारी (बेरला क्षेत्र) पिंकी मनहर को मजिस्ट्रियल जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है. जांच के संदर्भ की शर्तों में विस्फोट का कारण, फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा व्यवस्थित सुरक्षा उपायों की जांच, लाइसेंस, भंडारण और उपयोग का विवरण और घटना के संबंध में कोई गलती या लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारी का निर्धारण करना शामिल है.जांच अधिकारी को 45 दिनों के भीतर रिपोर्ट देनी होगी. मजिस्ट्रेट जांच के बाद घटना की FIR दर्ज की जाएगी.

कांग्रेस ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता और सरकारी नौकरी देने की मांग की है. कांग्रेस नेता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने यूनिट के मालिक और मैनेजर के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की. महंत ने कहा कि विस्फोट राज्य सरकार की लापरवाही के कारण हुआ है लेकिन मुख्यमंत्री और राज्य के श्रम मंत्री ”गहरी नींद” में हैं. उनके पास दुर्घटनास्थल पर जाने और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का समय नहीं है. महंत ने आरोप लगाया कि अब तब पुलिस ने मामले में FIR नहीं की है इससे पता चलता है कि राज्य सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है. महंत ने जांच के लिए एसआईटी गठन करने की भी मांग की.

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