बीमा अफसर समझ ठग को दो साल तक रुपये देती रही प्रोफेसर, 96 लाख रुपये गंवाए

साइबर अपराधियों ने 67 वर्षीय सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर से 96 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपित एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के अधिकारी बनकर बात करता था। महिला बगैर जांचें-परखे दो साल तक ठगों के खातों में रुपये जमा करवाती रही। रविवार को हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करने पर अपराध शाखा तक रिपोर्ट पहुंची।

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एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक, इंदौर के अन्नपूर्णा क्षेत्र की निवासी महिला सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने शिकायत दर्ज कराई है कि दो साल पहले ठग का कॉल आया था। उसने अपना नाम राजीव शर्मा और खुद को एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी का अधिकारी बताया।

आरोपित ने झांसे में लेकर महिला से एक लाख रुपये प्रोसेसिंग फीस और उनके दस्तावेज ऑनलाइन ले लिए। उसने महिला से कहा कि बीमा पालिसी से वृद्धावस्था के लिए करोड़ों रुपये मिलेंगे। महिला बैंक में जमा रुपये और अपनी एफडी तुड़वा कर ठग को दो साल तक रुपये देती रही।

उसने जनवरी तक कुल 96 लाख रुपये ठग को दे दिए। अचानक मोबाइल बंद होने पर महिला ने अपराध शाखा से संपर्क किया। पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत की और जांच शुरू की। एडीसीपी के मुताबिक, रुपये 34 बार में जमा हुए हैं।

आरोपितों ने म्यूल खातों का उपयोग किया है। ठगी में संगठित गिरोह का हाथ है, जो इसी तरह सेवानिवृत्त लोगों को निशाना बनाता है। पुलिस बीमा कंपनी से भी जानकारी मांग रही है।

13 बैंकों के 30 खातों में जमा करवाए रुपये

एडिशनल डीसीपी के मुताबिक, ठग ने विभिन्न तरीकों से रुपये जमा करवाए हैं। राशि का ट्रांसफर फर्जी खातों से किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपितों ने 13 बैंकों के 30 खातों में रुपये लिए हैं। महिला द्वारा करीब 34 ट्रांजेक्शन का ब्योरा सौंपा है। पुलिस के मुताबिक आरोपित पूरे देशभर में इसी प्रकार से ठगी करते हैं।

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