यूपी के बरेली में धर्मांतरण का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां नेत्रहीन प्रोफेसर प्रभात उपाध्याय को शादी और नए जीवन का झांसा देकर एक गैंग ने जाल में फंसा लिया. आरोप है कि मदरसे में उसका खतना कराने की प्रक्रिया चल रही थी और उसे हामिद नाम देकर धर्मांतरण पूरा किया जाना था. लेकिन ठीक उसी समय मां की शिकायत पर पुलिस पहुंच गई और पूरा खेल खुलकर सामने आ गया.
मां की गुहार से खुला मामला
मामले की शुरुआत अलीगढ़ जिले के महुआखेड़ा थाना क्षेत्र से होती है. यहीं की रहने वाली अखिलेश कुमारी ने पुलिस को पत्र देकर शिकायत की कि उनका बेटा प्रभात उपाध्याय 15 अगस्त से घर नहीं लौटा. उन्होंने बताया कि प्रभात बचपन से ही नेत्रहीन है और कड़ी मेहनत से पढ़ाई कर प्रोफेसर बना.
प्रभात ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से एमफिल और हैदराबाद यूनिवर्सिटी से पीएचडी की थी. 2019 में उनकी नियुक्ति राजकीय इंटर कॉलेज में हुई और बाद में ट्रांसफर बरेली और बुलंदशहर हुआ. मां का आरोप था कि हाल के दिनों में उनके बेटे का बर्ताव बदल गया था और वह कुछ मुस्लिम युवकों से बातचीत करने लगा था.
परिवार ने खोजबीन की तो पता चला कि प्रभात को बरेली के एक मदरसे में रखा गया है. यहां उसका धर्म परिवर्तन किया जा रहा है और उसका नया नाम हामिद रख दिया गया. यह सुनकर परिजन हैरान रह गए. जब वे मदरसे पहुंचे, तो न सिर्फ उन्हें धमकाकर भगा दिया गया बल्कि साफ कह दिया गया कि अब प्रभात मुसलमान बन चुका है.
पुलिस की दबिश और गिरोह का खुलासा
मां की शिकायत मिलते ही एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने टीम बनाई की और भुता इलाके में दबिश दी. यहां से पुलिस ने अब्दुल मजीद नाम के व्यक्ति को उसके दो साथियों सलमान आरिफ और फहीम के साथ गिरफ्तार किया. जांच में खुलासा हुआ कि यह कोई साधारण घटना नहीं बल्कि संगठित गिरोह का काम है. ये लोग कमजोर या परेशान परिवारों को चुनते थे, उन्हें लालच देते थे और धीरे-धीरे उनका ब्रेनवॉश करके धर्म बदलने पर मजबूर कर देते थे.
धर्मांतरण का यह था तरीका
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गैंग का तरीका बेहद सोचा-समझा था. पहले शिकार के साथ दोस्ती की जाती और विश्वास जीता जाता. फिर शादी, नौकरी या आर्थिक मदद का लालच दिया जाता. धार्मिक किताबें, सीडी और वीडियो के जरिए उनके विचार बदले जाते. अंत में उन्हें मदरसे ले जाकर निकाह और खतने की प्रक्रिया पूरी कर धर्मांतरण करा दिया जाता. प्रभात उपाध्याय के मामले में भी यही स्क्रिप्ट दोहराई गई. उनके पास से पुलिस को 10 धार्मिक किताबें, जाकिर नाइक की सीडी और धर्मांतरण से जुड़े प्रमाण पत्र मिले.
एक परिवार को पूरी तरह बदल डाला
पुलिस जांच में सामने आया कि यह गिरोह पहले भी कई परिवारों को फंसा चुका है. सुभाष नगर निवासी बृजपाल और उसका पूरा परिवार इनका शिकार बना. पहले बृजपाल का निकाह एक मुस्लिम युवती से कराया गया. फिर उसकी बहन को भी एक मुस्लिम युवक से शादी करने पर मजबूर किया गया. यहां तक कि उनकी मां का भी धर्म बदल दिया गया और नए नाम रख दिए गए. यानी पूरा परिवार धीरे-धीरे धर्मांतरण के जाल में फंस गया.
प्रभात का खतना कराने के वक्त पहुंची पुलिस
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पुलिस जब मदरसे पहुंची, उस समय प्रभात उपाध्याय का खतना कराने की प्रक्रिया चल रही थी. इसके बाद उसका नाम बदलकर हामिद रखा जाना था. समय रहते पुलिस ने कार्रवाई की और पूरी प्रक्रिया को रोक दिया. इस दौरान कई दस्तावेज और धर्म परिवर्तन से जुड़ा सामग्री बरामद हुई.
बैंक खातों और फंडिंग का खेल
जांच में पुलिस को फंडिंग से जुड़े कई अहम सुराग भी मिले. सलमान के 12 बैंक खाते पाए गए. अब्दुल मजीद के 5 खातों में 2000 से ज्यादा संदिग्ध ट्रांजैक्शन मिले. पुलिस ने बताया कि गिरोह अलग-अलग राज्यों में घूमकर चंदा इकट्ठा करता और उसी पैसे से मदरसे चलाता था.
एसपी ने बताया कि अन्य राज्यों में भी नेटवर्क
एसपी साउथ अंशिका वर्मा ने प्रेस वार्ता में बताया कि गिरोह का नेटवर्क सिर्फ बरेली तक सीमित नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी फैला हुआ है. खासकर ऐसे परिवारों को निशाना बनाया जाता था जो कमजोर या संकटग्रस्त हों. उन्होंने कहा कि फिलहाल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पूछताछ में कई और नाम सामने आए हैं. जल्द ही और खुलासे होंगे.
मां की मार्मिक अपील से पसीजा दिल
प्रभात की मां अखिलेश कुमारी ने पुलिस से गुहार लगाते हुए कहा कि हमने बेटे को पढ़ाया-लिखाया. वह प्रोफेसर बना. लेकिन कुछ लोगों ने उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर उसका धर्म बदलने की साजिश रची. क्या मेरी सारी मेहनत और मेरे बेटे की पहचान छीन ली जाएगी? उनकी यह अपील पूरे मामले का सबसे भावुक पहलू बन गई.