गोंडा : यूपी एसटीएफ द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में फर्जी प्रश्न पत्र बेचने के मामले में गोंडा जिले के लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर बैजनाथ पाल की गिरफ्तारी ने शिक्षा जगत को झकझोर कर रख दिया है। आरोप है कि डॉ. पाल ने 30 से 35 लाख रुपये में असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के फर्जी पेपर अभ्यर्थियों को बेचे थे.
डॉ. बैजनाथ पाल की नियुक्ति 28 जुलाई 2022 को आयोग के निर्देश पर एलबीएस कॉलेज में राजनीतिक शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में हुई थी. महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. रविंद्र कुमार के अनुसार, डॉ. पाल का व्यवहार और कार्य प्रारंभ में संतोषजनक था, लेकिन हाल ही में उनकी गतिविधियों ने पूरे कॉलेज को शर्मसार कर दिया.
बताया जा रहा है कि डॉ. पाल ने अपने भाई विनय पाल और एक अन्य सहयोगी के साथ मिलकर 16 और 17 अप्रैल को आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा के प्रश्न पत्रों को अभ्यर्थियों को ऊंची कीमत में बेचा था। गिरफ्तारी के बाद डॉ. पाल 17 अप्रैल से ही बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे थे.
इस घटना के सामने आने के बाद महाविद्यालय प्रशासन ने त्वरित कदम उठाते हुए विभागीय कार्रवाई के लिए प्रबंधक समिति के सचिव जयशाह को पत्र लिखा है। साथ ही, कॉलेज प्रशासन ने सभी अध्यापकों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए निगरानी प्रणाली को और सख्त कर दिया है.
प्रधानाचार्य डॉ. रविंद्र कुमार ने कहा, “यह घटना न केवल कॉलेज की छवि को धूमिल करने वाली है, बल्कि शिक्षा की गरिमा को भी ठेस पहुंचाती है। हम इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए अब और सतर्क हैं। जल्द ही कार्यशालाओं और बैठकों के माध्यम से सभी अध्यापकों को निर्देशित किया जाएगा.”
डॉ. बैजनाथ पाल की गिरफ्तारी ने उच्च शिक्षा संस्थानों में नैतिकता और पारदर्शिता को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.