नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने वाली प्रोफेसर बनीं डीन, केरल में गरमाई सियासत

एनआईटी-कालीकट की प्रोफेसर डॉ शैजा अंदावन को योजना एवं विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है. उनके खिलाफ खिलाफ महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर नाथूराम गोडसे की प्रशंसा करने के लिए पुलिस मामला लंबित है. राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान-कालीकट (एनआईटी) के निदेशक द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शैजा अंदावन को 7 मार्च से योजना एवं विकास विभाग का डीन नियुक्त किया गया है, हालांकि राज्य सरकार के फैसले का वामपंथी युवा संगठन डीवाईएफआई ने विरोध किया है.

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बता दें कि शैजा से पिछले साल फरवरी में पुलिस ने पूछताछ की थी, जब डीवाईएफआई, एसएफआई और युवा कांग्रेस जैसे संगठनों ने सोशल मीडिया पर गोडसे की प्रशंसा करने वाले उनके पोस्ट के खिलाफ शिकायत की थी, जो एक दक्षिणपंथी वकील द्वारा साझा किए गए पोस्ट के जवाब में था.

गोडसे की प्रशंसा करने के आरोप में केस दर्ज

निदेशक के आदेश में शैजा को 7 मार्च तक मौजूदा डीन डॉ. प्रिया चंद्रन के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है, ताकि “सुचारू बदलाव” हो सके. आदेश के अनुसार, यह नियुक्ति शुरू में अगले आदेश तक दो साल के लिए है.

शैजा से कुन्नमंगलम पुलिस ने चथमंगलम में उनके आवास पर पूछताछ की. कुन्नमंगलम अदालत ने उन्हें अग्रिम जमानत दे दी. पुलिस ने आईपीसी की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से जानबूझकर उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया था.

डीवाईएफआई ने किया विरोध, आंदोलन की दी चेतावनी

केरल डीवीएफआई ने सोशल साइट फेसबुक पर लिखा कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम विनायक गोडसे के पक्ष में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने के मामले में आरोपी के तौर पर जमानत पर चल रही कोझिकोड एनआईटी की प्रोफेसर शैजा अंदावन को डीन नियुक्त करने की कार्रवाई विरोध योग्य है.

बयान में कहा गया कि शैजा अंदावन ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी कि महात्मा गांधी के शहादत दिवस पर गांधी की हत्या करने वाले गोडसे भारत का गौरव हैं. इसके बाद भारी विरोध शुरू हो गया था, लेकिन शैजा अंदावन जो विभागाध्यक्ष भी नहीं हैं, उन्हें योजना एवं विकास डीन नियुक्त किया गया है, जो केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित संस्थान एनआईटी वरिष्ठता भी नहीं है.

बयान में कहा गया कि शैजा अंदावन को इस पद पर केवल इस योग्यता को ध्यान में रखकर नियुक्त किया गया है कि वे संघ परिवार की सांप्रदायिक विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करती हैं.

बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपिता के हत्यारे को भारत का गौरव बताने वाली शैजा अंदावन शिक्षक पद पर बने रहने के योग्य भी नहीं हैं, ऐसे पद पर नियुक्त किया जाना अस्वीकार्य है. डीवाईएफआई राज्य सचिवालय ने एक बयान के माध्यम से मांग की कि एनआईटी द्वारा शैजा अंदावन को डीन नियुक्त करने की कार्रवाई की जाए तथा इस घटना का कड़ा विरोध किया जाए.

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