मोदी सरकार के 3.0 ने अपने कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे कर लिए हैं. सरकार द्वारा पहले 100 दिनों में करीब 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की गईं. जिसमें मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे का विकास, स्वास्थ्य सेवाओं,विज्ञान और प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, सुरक्षा सड़क, रेलवे, बंदरगाह आदि पर विशेष ध्यान दिया गया है.
अपने 100 दिन के कार्यकाल का जिक्र पीएम मोदी ने सोमवार को गांधीनगर में किया, जब वह ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर्स मीट एंड एक्सपो (री-इनवेस्ट 2024) के चौथे संस्करण को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को लगता है कि भारत 21वीं सदी के लिए सबसे बेहतर विकल्प है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘केंद्र सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में आप हमारी प्राथमिकताओं, गति और पैमाने को देख सकते हैं. हमने देश की तीव्र प्रगति के लिए आवश्यक हर क्षेत्र और मुद्दों को एड्रेस करने का प्रयास किया है.’ पहले 100 दिन में सरकार ने जिन क्षेत्रों को वरीयता दी है, वो इस प्रकार हैं-
बुनियादी ढांचे का विकास
बुनियादी ढांचे का विकास के विकास पर 100 दिनों में 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिसमें सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों और हवाई मार्गों का खास ध्यान रखा गया है. 76,200 करोड़ रुपये की लागत से महाराष्ट्र में वधावन मेगा पोर्ट को मंजूरी दी गई, जो दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में से एक होगा.
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-4 (पीएमजीएसवाई-IV) के तहत: 49,000 करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता से 25,000 गांवों को सड़क मार्ग जोड़ने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों और पुलों के निर्माण/उन्नयन को मंजूरी दी गई. 50,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत के सड़क नेटवर्क को मजबूत करने की मंजूरी गई है. 936 किलोमीटर तक फैली 8 राष्ट्रीय हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई.
किसान मित्र मोदी
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी की गई. 9.3 करोड़ किसानों को ₹20,000 करोड़ वितरित किए गए.सरकार के मुताबिक अब तक कुल 12 करोड़ 33 लाख किसानों को ₹3 लाख करोड़ वितरित किए गए है. इसके अलावा 2024-25 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) में वृद्धि की गई और ₹12,100 करोड़ के आवंटन के साथ आंध्र प्रदेश में पोलावरम सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई.
मध्य वर्ग को राहत
मध्यम वर्ग को राहत देते हुए 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा.इसके अलावा वेतनभोगी व्यक्ति करों में 17,500 रुपये तक की बचत कर सकते हैं. पारिवारिक पेंशन के लिए छूट सीमा बढ़ाकर ₹25,000 कर दी गई. वित्त मंत्री कह चुकी हैं कि आयकर नियमों की छह महीने के भीतर व्यापक समीक्षा की जाएगी ताकि उन्हें संक्षिप्त, स्पष्ट और समझने में आसान बनाया जा सके. इसके अलावा, सरकारी कर्मचारियों के एकीकृत पेंशन योजना लागू की गई. 25 साल की सेवा वाले कर्मचारियों को पेंशन के रूप में उनके औसत मूल वेतन का 50% मिलेगा. वन रैंक, वन पेंशन योजना का तीसरा संस्करण सुरक्षा बलों और उनके परिवारों के लिए लागू किया जाएगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ घरों को मंजूरी दी गई
व्यापार करने में आसानी
स्टार्ट-अप को वित्तीय राहत प्रदान करना और नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में भी सरकार ने कई अहम कदम उठाए. 2012 से स्टार्टअप पर बोझ बन रहे 31% एंजल टैक्स को समाप्त कर दिया गया है. विदेशी कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स को 40% से घटाकर 35% कर दिया गया है ताकि भारत को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी और निवेश के लिए आकर्षक बनाया जा सके. मुद्रा ऋण सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दी गई है.
सशक्त युवा
युवाओं में रोजगार और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये के पीएम पैकेज की घोषणा की गई है. इसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 41 मिलियन युवाओं को लाभान्वित करना है. 1 करोड़ युवाओं को शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप मिलेगी, साथ ही भत्ते और एकमुश्त सहायता भी मिलेगी.इसके अलावा केंद्र सरकार ने 15,000 से अधिक नई नियुक्तियों की घोषणा की है. ईपीएफओ के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को तीन किस्तों में 15,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी. खेलो इंडिया राइजिंग टैलेंट आइडेंटिफिकेशन (कीर्ति) योजना शुरू की गई है.
महिला सशक्तिकरण
डीएवाई-एनआरएलएम के तहत वित्तीय समावेशन, डिजिटल साक्षरता, सतत आजीविका और सामाजिक विकास उपायों को बढ़ावा देने के लिए 10 करोड़ से अधिक महिलाओं को संगठित करके 90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं. लखपति दीदी योजना: पीएम मोदी ने 11 लाख नई लखपति दीदियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए. 1 करोड़ से अधिक लखपति दीदियां प्रति वर्ष ₹1 लाख से अधिक कमाती हैं. 5,000 करोड़ रुपये का बैंक ऋण जारी किया गया है, जिससे 2,35,400 स्वयं सहायता समूह के 25.8 लाख सदस्यों को लाभ मिला है. मुद्रा ऋण को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹20 लाख कर दिया गया है.
ओबीसी, दलितों, अल्पसंख्यकों और जनजातियों का सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री का विकसित आदिवासी गांव अभियान: 63,000 आदिवासी गांवों का विकास किया जाएगा, जिससे 5 करोड़ आदिवासियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. अनुसूचित जनजातियों के विकलांग व्यक्तियों के लिए 3 लाख पहचान पत्र जारी किए गए हैं, जिनमें 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए 1.17 लाख कार्ड शामिल हैं. नए स्कूल और स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए और 40 नए स्कूल स्थापित किए गए हैं और आदिवासी छात्रों के लिए 110 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाए गए हैं. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024: संघर्षों और विवादों को कम करने के उद्देश्य से, वक्फ संपत्तियों के ऑनलाइन पंजीकरण और निगरानी के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा.
सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं
आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया गया है 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को 5 लाख रुपये तक का निःशुल्क बीमा प्रदान किया जाएगा, जिससे 4.5 करोड़ परिवारों और 6 करोड़ बुज़ुर्ग नागरिकों को लाभ मिलेगा. 75,000 नई मेडिकल सीटें जोड़ी गई हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने और विदेशी चिकित्सा शिक्षा पर निर्भरता कम होगी. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग देश में डॉक्टरों का एक केंद्रीकृत संग्रह बनाने के लिए एक राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर तैयार कर रहा है.
साइंस एंड टेक्नोलॉजी
अंतरिक्ष स्टार्टअप के लिए ₹1000 करोड़ की उद्यम पूंजी निधि योजना स्थापित की गई है. 16 अगस्त को SSLV-D3 पर EOS-08 उपग्रह का सफल प्रक्षेपण हुआ. 50,000 करोड़ का राष्ट्रीय अनुसंधान कोष और ₹10,500 करोड़ की ‘विज्ञान धारा’ योजना स्थापित की गई है. गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित की जाएगी. 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से इसकी उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 6 मिलियन चिप्स होगी.
शासन और कानून एवं व्यवस्था
1 जुलाई, 2024 को औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन नए कानून पेश किए गए जिनमें भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं. इसके अलावा, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजयपुरम कर दिया गया है. पेपर लीक की समस्या से निपटने के लिए सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 पेश किया गया है.
ऊर्जा सुरक्षा
पूर्वोत्तर में जल विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी गई और राज्य इकाइयों और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के बीच 4,100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ संयुक्त उद्यम बनेगा. वीजीएफ (व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण) योजना के तहत 12,400 करोड़ रुपये से अधिक की जल विद्युत परियोजनाओं को मंजूरी दी गई. अपतटीय पवन ऊर्जा परियोजनाएं के तहत 7,450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.