कर्नाटक सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है. इस बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी नेताओं और सरकार को खरी-खरी सुनाई है. खड़गे ने साफ कहा कि उतनी ही गारंटी का वादा करें, जितना दे सकें. वरना सरकार दिवालियापन की तरफ चली जाएगी.
दरअसल, खड़गे यहां चुनाव अभियान में कांग्रेस के घोषणा पत्र के वादों पर चर्चा कर रहे थे. उन्होंने कहा, आपने प्रदेश (कर्नाटक) में पांच गारंटी का वादा किया था. आपको देखकर हमने महाराष्ट्र में पांच गारंटी का वादा किया है. आज आपने बताया कि आप एक गारंटी रद्द कर देंगे. ऐसा लगता है कि आप सब अखबार नहीं पढ़ते. लेकिन मैंने अखबार पढ़ा, इसलिए बता रहा हूं. हम आपकी (कर्नाटक) सरकार के कार्यक्रमों को महाराष्ट्र में दोहराने के लिए काम कर रहे हैं. मैंने उनसे (महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं) कहा कि पांच, छह, सात या आठ गारंटी के वादे मत करते रहो. इसके बजाय ऐसे वादे करो जो आपके बजट के अनुरूप हों.
‘बिना विचार किए वादे करेंगे तो दिवालियापन की ओर ले जाएगा’
खड़ने ने पार्टी नेताओं को चेताया और कहा, यदि आप बजट पर विचार किए बिना वादे करते हैं तो यह दिवालियापन की ओर ले जाएगा. सड़कों पर रेत डालने के भी पैसे नहीं होंगे. अगर यह सरकार असफल हुई तो इसका असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा. इससे बदनामी होगी और सरकार को अगले दस वर्षों तक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए बजट पर सावधानी से विचार करने की जरूरत है.
‘हम बजट के आधार पर गारंटी की घोषणा करेंगे’
खड़गे का कहना था कि यहां तक कि राहुल गांधी ने भी कहा कि हम बजट के आधार पर महाराष्ट्र में गारंटी की घोषणा करेंगे. तब तक किसी निष्कर्ष पर ना पहुंचें. 15 दिनों की गहन चर्चा के बाद अब महाराष्ट्र चुनाव की गारंटियों ने आकार ले लिया है. हम इसकी घोषणा नागपुर और मुंबई में करेंगे.
चुनाव में कांग्रेस ने दी थी ये पांच गारंटी…
बताते चलें कि कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने लोगों के सामने पांच बड़ी गारंटी दी थीं. इनमें गृह लक्ष्मी योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2 हजार रुपए, युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट्स को दो साल के लिए 3 हजार रुपए, डिप्लोमाधारकों को 1500 रुपए, अन्न भाग्य योजना में गरीबी रेखा के नीचे हर परिवार को हर महीने प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम चावल, सखी कार्यक्रम के तहत महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा और गृह ज्योति योजना के तहत हर घर को 200 यूनिट मुफ्ट बिजली दिए जाने का वादा किया था.
वित्तीय संकट से जूझ रही है कर्नाटक सरकार
जानकारों का कहना था कि अगर कांग्रेस पांचों गारंटी पूरा करती है तो इससे कर्नाटक का राजस्व घाटा 60 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1 लाख 14 हजार करोड़ रुपये हो जाएगा और राज्य के कुल बजट का लगभग साढ़े 21 प्रतिशत भाग है. कर्नाटक पर अभी लगभग पांच लाख करोड़ रुपये का पहले से कर्ज है. ऐसे में ये कर्ज और बढ़ सकता है.
बीजेपी का कहना है कि कर्नाटक सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. पिछले साल कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा था कि चुनाव के वक्त कांग्रेस ने जो पांच गारंटी दी थीं, उन्हें पूरा करने के लिए 40 हजार करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं. इसलिए इस साल नए डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए पैसा नहीं दे सकते हैं.