बेंगलुरु के मदनायकनहल्ली इलाके में एक आर्किटेक्चर छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने एक सेल्फी वीडियो रिकॉर्ड कर कॉलेज के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप में साझा किया, जिसमें उसने रैगिंग का ज़िक्र किया था। मृतक छात्र की पहचान हासन जिले के रहने वाले वरुण के रूप में हुई है, जो 22 वर्ष का था।
रैगिंग से था मानसिक रूप से परेशान
वरुण अपने माता-पिता के साथ नंदरामय्या के पाल्या में रहता था। उसके माता-पिता मजदूरी कर परिवार का गुज़ारा करते थे। वरुण 10 जुलाई को कॉलेज से घर लौटा था, लेकिन 11 जुलाई को जब माता-पिता काम पर थे, उसने आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वरुण लंबे समय से कॉलेज में कुछ साथियों द्वारा की जा रही रैगिंग से परेशान था।
मरने से पहले उसने एक वीडियो रिकॉर्ड कर उसमें अपने साथ हो रही रैगिंग का खुलासा किया और वह वीडियो कॉलेज ग्रुप में भेज दिया। जैसे ही कॉलेज को वीडियो मिला, उन्होंने तुरंत वरुण के परिजनों को सूचना दी, लेकिन जब तक माता-पिता घर पहुंचे, तब तक वरुण फांसी लगा चुका था।
प्रतिभाशाली छात्र, जिसने कम समय में कमाया नाम
वरुण बेंगलुरु के एक प्रतिष्ठित आर्किटेक्चर कॉलेज में पढ़ता था और पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था। उसे चित्रकला का गहरा शौक था और वह मिनटों में किसी की भी तस्वीर बना सकता था। उसने कई नामी हस्तियों और फिल्मी सितारों के चित्र बनाकर प्रशंसा बटोरी थी।
पुलिस जांच में जुटी
मामले की जानकारी मिलते ही मदनायकनहल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अब कॉलेज के उन छात्रों की पहचान करने में लगी है, जिनका नाम वरुण ने वीडियो में लिया है। यह मामला एक बार फिर रैगिंग के खतरनाक असर और कॉलेजों में इसकी रोकथाम पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।