धार्मिक स्थलों से ध्वनि प्रदूषण का मुद्दा एक बार फिर मध्य प्रदेश में चर्चा में है। प्रदेश की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शैलबाला मार्टिन ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस मामले को लेकर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने धार्मिक स्थलों, खासकर मंदिरों पर लगाए गए लाउड स्पीकरों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण पर सवाल उठाए हैं। शैलबाला मार्टिन, जो वर्तमान में जीएडी में एडिशनल सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं, ने एक ट्वीट का जवाब देते हुए मंदिरों से आधी रात तक बजने वाले लाउड स्पीकरों की आवाज से होने वाले असर को लेकर टिप्पणी की। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मंदिरों के लाउड स्पीकरों से ध्वनि प्रदूषण से किसी को कोई असुविधा नहीं होती?
मार्टिन की यह टिप्पणी उस ट्वीट पर आई, जिसमें मस्जिदों के बाहर तेज आवाज में बजने वाले डीजे पर सवाल उठाया गया था। उस ट्वीट में मस्जिदों से लाउड स्पीकर हटाने पर डीजे और नारेबाजी के बंद होने की संभावना पर चर्चा की गई थी। मार्टिन ने स्पष्ट किया कि जिस प्रकार मस्जिदों के लाउड स्पीकरों पर सवाल उठाए जाते हैं, उसी प्रकार मंदिरों के लाउड स्पीकरों से भी ध्वनि प्रदूषण होता है, और इसे भी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
वही अब मार्टिन की इस टिप्पणी पर संस्कृति बचाओ मंच ने विरोध जताया है। सुनिए संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने क्या कुछ कहा-