गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: (जीपीएम) पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने और जागरूकता बढ़ाने के लगातार पहल कर रही है. इस बार विशेष सत्र में झारखंड के साइबर अपराध के गढ़ कहे जाने वाले जामताड़ा में कार्यरत रह चुके 2021 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश सिंह सायबर अपराध से बचने के टिप्स दिए. यह ऑनलाइन सायबर पाठशाला जीपीएम जिला पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता के मार्गदर्शन में हुई.उन्होंने साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और उससे बचाव के उपायों पर प्रकाश डाला.
वही राकेश सिंह ने जामतारा में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार साइबर अपराधी ओटीपी फ्रॉड, फिशिंग, फेक ऐप्स और फेक लिंक जैसे तरीकों से लोगों को ठगते हैं.उन्होंने बच्चों और युवाओं को साइबर सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक किया.
फेक लिंक और फ्रॉड से बचाव:
कुंभ मेले और अन्य आयोजनों में फेक लिंक से बचने के लिए सतर्कता के उपाय बताए गए. साइबर अपराधियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले तरीकों की पहचान करने और उनसे बचाव के सुझाव दिए गए. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम) पर सतर्कता, मजबूत पासवर्ड बनाने और व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से बचने की सलाह दी गई.
राकेश सिंह ने बच्चों को समझाया कि वे खुद भी साइबर प्रहरी बन सकते हैं और अपने समुदाय में जागरूकता फैला सकते हैं.उन्होंने कहा कि यह केवल अपराध से बचाव ही नहीं, बल्कि समाज को साइबर सुरक्षित बनाने का प्रयास भी है.
SP भावना गुप्ता ने कहा,
“हमारे जिले के बच्चे भविष्य के साइबर प्रहरी हैं.इस सत्र के जरिए उन्हें न केवल खुद को सुरक्षित रखने की जानकारी मिल रही है, बल्कि वे दूसरों को भी जागरूक कर सकते हैं.इस तरह के सत्र नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे.” वही 500 से अधिक बच्चों और युवाओं ने इस सत्र में भाग लिया, जो साइबर अपराध के प्रति जागरूकता बढ़ाने के जीपीएम पुलिस के प्रयासों की सफलता का प्रमाण है.
यह पहल न केवल एक शिक्षण सत्र था, बल्कि एक बड़ा कदम भी, जिससे युवा पीढ़ी को साइबर खतरों से बचाने और उन्हें जिम्मेदार डिजिटल नागरिक बनाने का मौका मिला.