PAK आर्मी चीफ आसिम मुनीर का अमेरिका में विरोध, पाकिस्तानी नागरिकों ने ‘कातिल’ और ‘भगौड़ा’ कहा

पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर अमेरिका यात्रा पर हैं. इस यात्रा का उद्देश्य सैन्य ताकत बढ़ाना और अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करना है. यात्रा के दौरान मुनीर की फजीहत हुई है. पाकिस्तान नागरिकों ने अमेरिका में मुनीर के खिलाफ नारेबाजी करते हुए भगौड़ा और कातिल कहा.

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल सईद आसिम मुनीर अमेरिका की यात्रा पर हैं, जहां वे अत्याधुनिक हथियार, एफ-16 लड़ाकू विमानों की आपूर्ति और लंबी दूरी की मिसाइलों को हासिल करने का प्रयास किया.

अमेरिका में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता और कार्यकर्ता आसिम मुनीर का जोरदार विरोध किया, उन्हें ‘कातिल’, ‘भगौड़ा’ जैसे अपशब्द कहा और ‘शेम ऑन यू आसिम मुनीर’ के नारे लगाए गए.

यह विरोध इमरान खान को जेल में बंद कर सत्ता संभालने के कारण हो रहा है, जिन्हें पाकिस्तान में चुनाव जीतने वाला नेता माना जाता है.

इजरायल को लेकर पाकिस्तान के सुर नरम होने की वजह अमेरिका है, जिससे रिश्ता सुधारने के लिए मुनीर आज कल अमेरिका के दौरे पर हैं. लेकिन पाकिस्तान की पोल खुल चुकी है.

व्हाइट हॉउस तक ने कह दिया कि उन्होंने मुनीर समेत किसी भी नेता को परेड में शामिल होने के लिए नहीं बुलाया था. पाकिस्तान के लोग और भारत विरोधी इस परेड में फेल्ड फील्ड मार्शल को ढूंढ़ते रह गए.

कहां तो दावा किया गया था कि असीम मुनीर डोनाल्ड ट्रंप के बगल में खड़े होकर अमेरिकी सैन्य परेड को सलामी देंगे. लेकिन 14 जून को परेड में आसिम मुनीर का अता पता नहीं चला.

एक बार फिर साबित हो गया कि झूठ बोलने में पाकिस्तान सबसे बड़ा चैंपियन है. 14 जून को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने जन्मदिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए जबरदस्ती सैन्य परेड का आयोजन किया. जबरदस्त विरोध के बावजूद नहीं माने.

लेकिन, जिस अंदाज में अमेरिकी सैनिकों ने परेड में हिस्सा लिया, जिस तरह से मनमाने ढंग से सैनिकों ने परेड निकाली, उसने सारी दुनिया का ध्यान खींचा. जिस तरह अमेरिकी सैनिकों ने मार्च किया, उनके कदमताल में कोई जोश नहीं दिखा. उसे ट्रंप के लिए निजी हार बताया गया.

14 जून का मौका तो अमेरिकी सेना का था, लेकिन जिस तरह से नीरज परेड निकाली गई, उसने परेशान कर दिया होगा. क्योंकि सैन्य परेड से इतिहास में शामिल होने की सनक उन्हें भारी पड़ रही है.

इस तरह परेड को लेकर पाकिस्तान की तरफ से बोले गए झूठ के भी पोल खुल गई. दावा हुआ था कि आसिम मुनीर को इसमें शामिल होने का खास न्योता मिला. लेकिन व्हाइट हॉउस ने इससे इंकार करके की पोल खोल दी.

व्हाइट हॉउस ने इस बात से इंकार किया, कहा कि अमेरिका ने किसी भी विदेशी मेहमान को 14 जून को आयोजित परेड में विशेष अतिथि के रूप में आने का न्योता नहीं दिया. व्हाइट हॉउस ने कहा कि ये खबर पूरी तरह से गलत है. किसी भी विदेशी सैन्य नेता को इस परेड के लिए आमंत्रित नहीं किया गया,

व्हाइट हॉउस के से इनकार के बाद भारत में भी एक सियासी युद्ध शुरू हो गया. क्योंकि कांग्रेस ने मुनीर को मिले कथित न्योते को भारत के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका बताया था.

आसिफ मुनीर, जो पहलगाम के आतंकवादी हमलों के पहले कुछ ही दिन पहले एक सांप्रदायिक जहर से भरा हुआ भड़काऊ और उत्तेजक भाषण दिया था, उसी आसिम मुनीर को अमेरिकी की सेना दिवस जो 14 जून को होने वाला है उनको एक विशेष निमंत्रण दिया गया है.

आसिम मुनीर को लेकर झूठी खबर फैलाकर पाकिस्तान ने ये दिखाने की कोशिश की कि ऑपरेशन सिंदूर में मात खाने के बावजूद वो कमजोर नहीं हुआ और उसकी पहुंच कम नहीं हुई है.

लेकिन मुनीर की इस चाल को व्हाइट हॉउस ने नाकाम कर दिया. बाकी कसर इमरान समर्थकों ने पूरी कर दी जो अमेरिका में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर आसिफ मुनीर को ललकारते दिखे की आर्मी का जो काम है वो काम करे, आर्मी का ये काम नहीं है कि आपने पर गोली चलाए.

अमेरिका में इमरान समर्थकों ने डिजिटल बोर्ड पर मुनीर के खिलाफ विज्ञापन लगाया. जिसमें तीखे शब्दों में निशाना बनाया गया.

कुछ पोस्टर में मुनीर को इस्लामाबाद का कसाई धोखा देने वाला जनरल तक कहा गया.

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