सम्पूर्णता अभियान से जनकल्याण…CM मोहन यादव ने बताया कैसे बदल रहा मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केनेतृत्व और प्रतिबद्धता के परिणाम स्वरूप देश ने विकास की नई गति प्राप्त की है. पिछड़े जिलों और विकासखंडों को आकांक्षी रूप में चिन्हित कर विकास के लिए समन्वित प्रयास करना, इस दिशा में उठाया गया प्रभावी कदम है. सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह, जिला और विकासखंड स्तर पर स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, आधारभूत संरचना और सुशासन में आए सकारात्मक परिवर्तन का सशक्त उदाहरण है. इन जिलों और विकासखंडों के रहवासियों के जीवन और जीवन जीने की परिस्थितियों में आया बदलाव अभियान की सफलता को अभिव्यक्त करता है.

सम्पूर्णता अभियान से आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण और उन्हें पोषक भोजन की उपलब्धता, बच्चों के टीकाकरण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, स्कूलों में बिजली की उपलब्धता और समय पर पाठ्य पुस्तक वितरण जैसी गतिविधियों में सुधार हुआ है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को राज्य स्तरीय सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह के अंतर्गत कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्पूर्णता अभियान में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदेश के आकांक्षी जिलों और विकासखंडों के अधिकारियों को उनकी टीम सहित सम्मानित किया.

राज्य नीति आयोग की कॉफी टेबल बुक

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन्होंने राज्य नीति आयोग द्वारा प्रदेश में संचालित विकास गतिविधियों और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों पर विकसित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया. कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप, खेल एवं युवा कल्याण तथा सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर उपस्थित रही. मुख्य सचिव अनुराग जैन, नीति आयोग भारत सरकार के अपर सचिव रोहित कुमार और सदस्य प्रोफेसर रमेशचंद्र ने भी कार्यक्रम में सहभागिता की.

हितग्राही को सभी योजनाओं का मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंचाई का रकबा बढ़ाने के लिए नदी जोड़ो परियोजना की शुरुआत की गई है. सवा साल में साढ़े सात लाख हेक्टेयर सिंचाई रकबा बढ़ा है. प्रदेश में खेती के साथ मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है. प्रदेश में किसानों के लिए कृषि मेले, निवेश और उद्योग बढ़ाने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट और विभिन्न सेक्टर्स की रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित की गई हैं. उन्होंने कहा कि जो कलेक्टर और अन्य अधिकारी बेहतर कार्य करेंगे उन्हें सम्मानित किया जाएगा. कार्य में लापरवाही को राज्य सरकार किसी भी स्थिति में अनदेखा नहीं करेगी.

सम्पूर्णता अभियान ने दी नई दिशा

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सम्पूर्णता अभियान ने शासन-प्रशासन की कार्य संस्कृति को नई दिशा दी है. डेटा आधारित मूल्यांकन और स्कोरिंग प्रणाली तथा प्राथमिकताओं की स्पष्टता व पारदर्शिता से प्रशासनिक दक्षता और जन सेवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. इससे जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को भी प्रोत्साहन मिला है.

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने कहा कि प्रदेश के समुख बड़ी चुनौती थी, परंतु प्रदेश के अधिकारियों के समर्पित प्रयासों से लक्षित संकेतों में सम्पूर्णता प्राप्त करना संभव हुआ है. नीति आयोग के अपर सचिव रोहित कुमार ने कहा कि सम्पूर्णता कार्यक्रम में स्थानीय प्रशासन और समुदाय की सक्रिय भागीदारी से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं. मध्यप्रदेश द्वारा इस क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियां अन्य राज्यों के लिए उदाहरण हैं.

कलेक्टर सहित जिले की टीम सम्मानित

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सम्मान समारोह के अंतर्गत जिला बड़वानी और विकासखंड पाटी के लिए तत्कालीन कलेक्टर राहुल फटिंग, जिला दमोह और विकासखंड तेंदूखेड़ा के लिए कलेक्टर सुधीर कोचर, जिला धार तथा विकासखंड तिरला के लिए कलेक्टर प्रियंक मिश्रा, जिला खंडवा और विकासखंड छैगांव माखन के लिए कलेक्टर ऋषभ गुप्ता और तत्कालीन कलेक्टर अनूप कुमार सिंह, जिला निवाड़ी और विकासखंड पृथ्वीपुर के लिए कलेक्टर लोकेश कुमार जांगिड़ और तत्कालीन कलेक्टर अरुण कुमार विश्वकर्मा, जिला टीकमगढ़ और विकासखंड बलदेवगढ़ के लिए कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय और तत्कालीन कलेक्टर अवधेश शर्मा, जिला विदिशा और विकासखंड बासौदा के लिए कलेक्टर अंशुल गुप्ता (प्रशिक्षण पर), तत्कालीन कलेक्टर रोशन कुमार सिंह, जिला झाबुआ और विकासखंड थांदला, मेघनगर, रामा व राणापुर के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान, जिला रतलाम और विकासखंड बाजना के लिए कलेक्टर राजेश बाथम, जिला अनूपपुर और विकासखंड पुष्पराजगढ़ के लिए कलेक्टर हर्षुल पंचोली और जिला शहडोल और विकासखंड पाली के अधिकारियों को सम्मानित किया.

आकांक्षी जिला, आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम

उल्लेखनीय है कि आकांक्षी जिलों और विकासखंडों में गर्भवती महिलाओं के समय पर पंजीयन और पोषण, बच्चों के टीकाकरण, मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण, मधुमेह और उच्च रक्तचाप की स्क्रीनिंग, स्कूलों में बिजली की उपलब्धता, समय पर पाठ्य पुस्तक वितरण और स्व-सहायता समूहों को वित्तीय सहयोग जैसे बिन्दुओं पर पूर्ण सेचुरेशन सुनिश्चित करना सम्पूर्णता अभियान का उद्देश्य है.

अपेक्षाकृत पिछड़े जिलों में स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन और आधारभूत संरचना जैसे क्षेत्रों में तीव्र सुधार सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में आकांक्षी जिला कार्यक्रम आरंभ किया गया था. इसके सफल परिणामों के आधार पर वर्ष 2023 आकांक्षी विकासखंड कार्यक्रम आरंभ किया गया. विकास की मूलभूत सुविधाओं को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाना और क्षेत्रीय असमानताओं को कम करना इन कार्यक्रमों का लक्ष्य है.

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