पुणे: यवत में ‘व्हाट्सएप’ पर आपत्तिजनक स्टेटस से गांव में आगजनी! 500 लोगों पर केस, 15 गिरफ्तार

पुणे जिले के यवत गांव में एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है और 500 से अधिक के खिलाफ पांच प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.

यह घटना शुक्रवार (1 अगस्त) को दौंड तहसील क्षेत्र में हुई, जहां व्हाट्सएप पर पोस्ट को लेकर दो समुदायों के बीच तनाव फैल गया. हिंसा के दौरान कई वाहनों और दुकानों में आगजनी की गई और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा.

हिंसा की मुख्य घटनाएं और पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने अब तक 5 एफआईआर दर्ज की हैं, जिनमें से चार एफआईआर 500 से अधिक अज्ञात और ज्ञात लोगों के खिलाफ हैं. पीटीआई के अनुसार, हिंसक भीड़ ने एक बाइक, दो कारें, एक धार्मिक स्थल और एक बेकरी में आगजनी और तोड़फोड़ की.

15 आरोपियों को गिरफ्तार कर 6 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. आपत्तिजनक पोस्ट डालने वाले युवक को भी गिरफ्तार किया गया है, जो सालों से उसी गांव में रह रहा था. अब निषेधाज्ञा लागू है और एसआरपीएफ की तैनाती और सोशल मीडिया की निगरानी जारी है.

प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया

पुणे पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह गिल ने स्पष्ट किया कि शुरुआती जांच में किसी सुनियोजित साजिश के संकेत नहीं मिले हैं, हालांकि जांच अभी जारी है. पुलिस ने स्थिति पर तत्काल नियंत्रण पा लिया था और अब गांव में शांति बनी हुई है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणेश बिरादर ने बताया कि गांव में ड्रोन की मदद से नजर रखी जा रही है.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एक युवक ने एक आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी, जिसमें एक पुजारी से जुड़े मामले का ज़िक्र था, जिससे लोग भड़क गए. उन्होंने कहा कि ऐसी पोस्ट डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

दौंड विधानसभा से विधायक राहुल कुल, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और कोल्हापुर रेंज के आईजी सुनील फुलारी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया.

अजित पवार ने बताया कि आरोपी युवक मूलतः नांदेड़ का निवासी और मजदूरी करने वाला है, जिसने मध्य प्रदेश की एक घटना से संबंधित आपत्तिजनक पोस्ट डाली थी. ग्रामीणों के अनुसार अब हालात सामान्य हैं और समुदायों के बीच फिर से सौहार्द कायम है.

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