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‘पुतिन और मोदी की कठपुतली’, तुलसी गबार्ड ने अपने जवाब से बंद कर दी विरोधियों की बोलती

अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी के एक बयान का जमकर विरोध किया. डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से दिए गए एक बयान में तुलसी गबार्ड को अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विश्व नेताओं की कठपुतली बताया है.

तुलसी गबार्ड ने कहा कि डेमोक्रेट ने मुझ पर ट्रंप की कठपुतली, पुतिन की कठपुतली, असद की कठपुतली और मोदी की कठपुतली होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि ये सरासर गलत है, मैं उनकी कठपुतली नहीं हूं. उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि विशाल खुफिया तंत्र का नेतृत्व करने के लिए उनके नामांकन को रोक जा सकता है.

प्रतिनिधि सभा के लिए चुनी गई पहली अमेरिकी हिंदू तुलसी गबार्ड ने राष्ट्रीय खुफिया निदेशक की भूमिका के लिए अपनी पुष्टि सुनवाई के दौरान मौजूद रहीं. उन्होंने खुफिया मामलों पर सीनेट की चयन समिति के समक्ष अपनी बात रखी. तुलसी गबार्ड की उम्र 43 साल है. यह पद सीआईए और एफबीआई सहित अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की देखरेख करता है. डेमोक्रेटिक सीनेटरों के तीखे हमले में तुलसी गबार्ड ने पलटवार करते हुए कहा कि वो हिंदुओं और हिंदू धर्म के खिलाफ धार्मिक कट्टरता को भड़काने का प्रयास कर रहे हैं.

धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने की कोशिश

ट्रंप द्वारा देश की खुफिया एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए चुने जाने के बाद तुलसी गबार्ड को अपने हिंदू धर्म को लेकर अपने कई विरोधियों की आलोचना का सामना करना पड़ा है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट मउनके हवाले से कहा कि बीते समय में डेमोक्रेट सीनेटरों ने राष्ट्रपति ट्रंप के कुछ न्यायिक नामांकितों जैसे एमी कोनी बैरेट और ब्रायन बुशर ​​के खिलाफ ईसाई विरोधी कट्टरता का सहारा लिया था.

मैंने उस समय कांग्रेस में एक डेमोक्रेट के रूप में उन कामों की आलोचना की थी. उन्होंने कहा किधार्मिक कट्टरता की हम सभी को पूरी तरह से निंदा करनी चाहिए, चाहे वह किसी भी धर्म का हो.

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