रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने आगामी भारत दौरे की पुष्टि कर दी है. उन्होंने गुरुवार को सोची में एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि वह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अगले वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए दिसंबर की शुरुआत में भारत की यात्रा करेंगे. पुतिन ने मास्को और नई दिल्ली के बीच विशेष संबंधों की बात की.
व्लादिमीर पुतिन ने कहा, ‘भारत के लोग हमारे साथ संबंधों को नहीं भूलते, ऐसा मेरा मानना है. करीब 15 साल पहले, हमने (रूस और भारत) विशेष रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की थी, और दोनों देशों के संबंधों का यही सबसे अच्छा वर्णन है. प्रधानमंत्री मोदी एक बहुत समझदार नेता हैं जो पहले अपने देश के बारे में सोचते हैं. भारत के साथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करना रूस की प्राथमिकता है.’
पुतिन ने भारत के लोगों को बताया स्वाभिमानी
पुतिन ने भारत और चीन पर रूस से ऊर्जा आयात कम करने के लिए अमेरिकी दबाव पर भी बात की. उन्होंने तर्क दिया कि दोनों एशियाई देशों, जो मास्को के सबसे बड़े तेल खरीदार हैं, पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने की कोई भी कार्रवाई तेल के वैश्विक कीमतों को बढ़ाएगी और इसका अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने कहा, ‘यहां कोई राजनीतिक पहलू नहीं है; यह विशुद्ध रूप से आर्थिक गणना है.’
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत के लोग राष्ट्रीय गरिमा से समझौता करने वाले फैसलों (अमेरिका के दबाव में झुकना) को बर्दाश्त नहीं करेंगे. वे कभी किसी के द्वारा (ट्रंप के टैरिफ और भारत को डेड इकोनॉमी कहने के संदर्भ में) अपमानित होना स्वीकार नहीं करेंगे. मैं प्रधानमंत्री मोदी को जानता हूं; वह ऐसा कोई फैसला (रूस से तेल आयात रोकने से संबंधी) नहीं लेंगे. और वे क्यों मना करें (रूसी तेल खरीदने से) अगर इसका देश की राजनीतिक पर भी असर पड़ता है?’
जोर-शोर से चल रही पुतिन के दौरे की तैयारी
क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति का कार्यालय) के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव पहले ही पुष्टि कर चुके हैं कि पुतिन की भारत यात्रा की तैयारियां अच्छी तरह से चल रही हैं. पेसकोव ने कहा, ‘हां, हमने राष्ट्रपति की भारत यात्रा के लिए समय सीमा तय कर ली है. यह नया साल शुरू होने से पहले होगा. यात्रा की तैयारियां पूर्ण जोर-शोर से चल रही हैं.’ यह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की 2021 के बाद भारत की पहली यात्रा होगी, जब वह 21वें वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली आए थे
यह भारत और रूस के बीच एक लंबे समय से चली आ रही एक व्यवस्था है, जिसके तहत भारतीय प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति दोनों देशों में बारी-बारी से वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं ताकि द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा होती रहे. दोनों देशों के बीच अब तक 22 ऐसे शिखर सम्मेलन हो चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल जुलाई में, रूसी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय शिखर वार्ता के लिए मास्को का दौरा किया था.