रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत की आर्थिक तरक्की की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि कई ब्रिक्स देशों के लिए नजीर हैं. पुतिन ने रूसी शहर कज़ान में 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में यह टिप्पणी की है. उन्होंने तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि हम अक्सर जिस उच्च आर्थिक विकास दर सुनिश्चित करने पर जोर देते हैं, भारत इसे सफलतापूर्वक करने में कामयाब रहा. इसी के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि 7.5% की वृद्धि यह हम में से कई लोगों के लिए एक उदाहरण है. इस उपलब्धि के लिए शुक्रिया.
जर्मनी ने भारत को दिया विशेष दर्जा
जर्मनी के राजदूत फिलिप एकरमैन ने कहा कि जर्मनी ने भारत को सैन्य खरीद मंजूरी के लिए विशेष दर्जा दिया है. ताकि सैन्य खरीद के लिए मंजूरी में तेजी लाई जा सके. उन्होंने कहा कि जर्मन विक्रेता भारत सरकार द्वारा पी-75आई पनडुब्बी सौदे के संबंध में निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी करने का इंतजार कर रहा है. उन्होंने बताया कि जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ की भारत यात्रा के दौरान जब स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ भारत आने वाले होंगे तो अरबों डॉलर का यह सौदा एजेंडे में सबसे ऊपर रहेगा.
तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था
आईएमएफ एशिया पैसिफिक के निदेशक कृष्ण श्रीनिवासन ने इंडियन इकोनॉमी को लेकर अहम बात कही है. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा. कृष्ण श्रीनिवासन ने पीटीआई से बातचीत में बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी तेजी से सुधार देखा जा रहा है, फसलों की देख-रेख और उत्पादन स्तर में बेहतरी आई है. उन्होंने कहा खाद्य कीमतों में कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद वित्त वर्ष 24-25 में मुद्रास्फीति घटकर 4.4 फीसदी रहने की उम्मीद है. इससे बाजार और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा.
हालांकि उन्होंने इसके लिए तीन अहम सुझाव भी दिये हैं. उन्होंने रोजगार सृजन, सर्विस सेक्टर के अलावा कृषि और भूमि सुधारों पर जोर देने की बात कही है. इन क्षेत्रों में व्यापक सुधार से शहरी के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और भी मजबूती मिलेगी.
एजुकेशन 2030 फ्रेमवर्क फॉर एक्शन
वहीं यूनेस्को ने कहा कि भारत सरकार ने अपने ‘एजुकेशन 2030 फ्रेमवर्क फॉर एक्शन’ लक्ष्य के अनुरूप आवंटन किया है. भारत ने साल 2015 और 2024 के बीच शिक्षा के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद का करीब 4.1 फीसदी से 4.6 फीसदी आवंटित किया है जो इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के मुताबिक है. यूनेस्को की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी अवधि के दौरान शिक्षा पर भारत का सरकारी खर्च 13.5 फीसदी से 17.2 फीसदी के बीच रहा है. यह रिपोर्ट वैश्विक शिक्षा निवेश रुझानों का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करती है.
शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की पहल सकारात्मक है. यूनेस्को ने माना है कि शिक्षा में भारत का निवेश अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुरूप है. अनेक एशियाई देशों की तुलना में भारत शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है. जबकि कोविड महामारी के बाद कई देशों में शिक्षा में निवेश में गिरावट आई है.
‘भारत दाल’ का दूसरा चरण शुरू
देश में दालों की कीमतों में अचानक नरमी आने से दालों की मुद्रा स्फीति सितंबर में 9.8% बढ़ गई, जबकि अगस्त में यह 113% थी. इसके बाद सरकार ने दाल की कीमतों पर अंकुश लगाने का अभियान शुरू किया. इसी कोशिश में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने दाल की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ‘भारत दाल’ का दूसरा चरण शुरू किया है. कीमतों पर नियंत्रण पाने के लिए उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने अपने सब्सिडीयुक्त दाल कार्यक्रम का विस्तार करते हुए ‘भारत’ ब्रांड के तहत नई पेशकश की घोषणा की, इसमें चना साबूत और मसूर दाल शामिल है.
इस पहल का मकसद सहकारी खुदरा नेटवर्क और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों के माध्यम से उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर चना, मूंग और मसूर जैसी दालें उपलब्ध कराना है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हम दालों में मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
eShram portal की नई पहल
केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की सुविधा के लिए eShram portal पर नई पहल की है. सरकार ने इस पोर्टल पर 12 योजनाओं को एकीकृत किया है. इससे असंगठित श्रमिकों की दौड़ भाग की परेशानी दूर होगी. इस पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले श्रमिकों को एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से असंगठित श्रमिकों के लिए अपनी योजनाओं और लाभों को भी इस प्लेटफॉर्म पर लाने का आग्रह किया है.
eShram portal पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी कुछ सेवाएं उपलब्ध हैं. मसलन आउटरीच प्रोग्राम श्रम और रोजगार के प्रति जागरुकता कार्यक्रम. ‘ईश्रम-वन स्टॉप सॉल्यूशन’ पोर्टल असंगठित श्रमिकों के लिए बनाई गई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी को एक ही मंच पर प्रभावी तरीके से उपलब्ध कराता है.
डिजिटल भुगतान 3 साल में दोगुना
देश में डिजिटल भुगतान को लेकर आरबीआई ने एक अहम रिपोर्ट जारी की है. आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक देश में नकदी लेन-देन में काफी गिरावट आई है. भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन के मुताबिक कोविड के बाद डिजिटल भुगतान में आई तेजी से बाजार में नकदी की हिस्सेदारी तेजी से घट रही है. रिपोर्ट के मुताबिक डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी जो मार्च 2021 में 14-19 फीसदी थी, वह मार्च 2024 में बढ़कर 40-48 फीसदी हो गई है.
हालांकि रिपोर्ट ये भी कहती है कि मार्च 2024 तक बाजार में नकदी का हिस्सा अब भी 60 फीसदी है. जनवरी-मार्च 2021 में 81-86 फीसदी से जनवरी-मार्च 2024 तक यह 52-60 फीसदी तक आया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 में की गई नोटबंदी के बाद 2020 में कोविड के दौरान UPI से भुगतान में तेजी देखी गई. यह प्रचलन धीरे धीरे तेजी से बढ़ता गया.
रियल एस्टेट बाजार में भी उछाल
पिछले कुछ सालों में छाई मंदी के बाद रियल एस्टेट बाजार में फिर से उछाल है. इकोनॉमी में सुधार और त्योहारी सीजन को देखते हुए प्रॉपर्टी के खरीदारों को प्रोत्साहन मिल रहा है. जैसे-जैसे त्योहारों के दिन नजदीक आ रहे हैं, भारत का रियल एस्टेट मार्केट में तेजी आती दिख रही है. बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा की परियोजनाओं की लॉंचिंग हो रही है.
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का रियल एस्टेट सेक्टर एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. लोगों में एक बार फिर से घरों, दुकानों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की खरीदारी में रुचि और आर्थिक क्षमता बढ़ी है. यही वजह है कि पिछले साल की तुलना में इस साल संपत्ति की कीमतों में 20 फीसदी की वृद्धि हुई है.
वडोदरा स्टील ब्रिज लोकार्पण
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए वडोदरा में वेस्टर्न रेलवे की बाजवा-छायापुरी कॉर्ड लाइन पर 60 मीटर लंबा एक स्टील ब्रिज लॉन्च किया गया है. इस प्रोजेक्ट को लेकर नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ स्टील ब्रिज को सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है. 645 मीट्रिक टन का यह स्टील ब्रिज, 12.5 मीटर ऊंचा और 14.7 मीटर चौड़ा है. ब्रिज असेंबली में C5 सिस्टम पेंटिंग और इलास्टोमेरिक बियरिंग्स के साथ करीब 25,659 टोर-शियर टाइप हाई स्ट्रेंथ (TTHS) बोल्ट का उपयोग किया गया है.
ग्लोबल कैपिसिटी सेंटर्स (GCC)
जेएलएल इंडिया ने भारत की प्रगति की अनोखी रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत ग्लोबल कैपिसिटी (GCC) सेंटर्स के लिए एक अहम गंतव्य के रूप में स्थापित हो रहा है. देश में अब 1,800 से अधिक ऐसे केंद्र हैं. देश ने 2022 से 100 से अधिक नए GCC जोड़े हैं जोकि बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए रणनीतिक महत्व के हैं. GCC अब भारत के 7 सबसे बड़े शहरों में हैं. पिछले 18 महीनों (जनवरी-दिसंबर 2023-एच1 2024) में GCC ने 35.2 मिलियन वर्ग फुट कार्यालय स्थान को पट्टे पर दिया है. बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में इसकी हिस्सेदारी सबसे अधिक है.
भारतीय परिधान निर्यात बढ़ा
भारतीय परिधान के निर्यात में बड़ी वृद्धि देखी गई है. परिधान उद्योग वित्त वर्ष 2025 में 9-11% की राजस्व वृद्धि दर्ज करने वाला है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय परिधान निर्यात में भविष्य में और भी संभावनाएं हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग पहले से काफी बढ़ी है.यूके, ईयू के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते से सरकार की ओर से प्रोत्साहन से मदद मिलेगी. आईसीआरए के मुताबिक वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 में पूंजीगत व्यय में वृद्धि होने की संभावना है. यह कारोबार के 5-8 प्रतिशत के दायरे में रह सकता है.
किंग चार्ल्स ने भारत को किया याद
भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त लिंडी कैमरन ने कहा कि दिल्ली में किंग चार्ल्स III का जन्मदिन मनाना शानदार है. उन्होंने कहा कि किंग चार्ल्स के दिल में भारत के लिए एक विशेष स्थान है. कैमरन ने किंग चार्ल्स की भारत की पिछली यात्राओं को याद किया. उन्होंने 2019 में सबसे हालिया यात्रा थी. उन्होंने कहा कि किंग चार्ल्स भारतीय संस्कृति से प्रभावित हैं. उन्हें दिल्ली और मुंबई की यात्रा बहुत पसंद आई थी. यह एक ऐसा देश है जिसका उनके दिल में एक विशेष स्थान है. उन्होंने कहा कि मैं यहां छह महीने से हूं और बहुत प्रसन्न हूं. किंग चार्ल्स ने दस बार भारत का दौरा किया है.
वैश्विक मुद्रास्फीति झेलने में सक्षम भारत
मैनहट्टन वेंचर पार्टनर्स के संतोष राव ने भारत के बाजार में हो रहे विकास की प्रशंसा की है. उन्होंने कहा कि यहां बाजार तेजी से विकसित हो रहा है. बहुत सारा विनिर्माण आ रहा है. अर्थव्यवस्था के लिए ये सभी चीजें अच्छी हैं. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि जब समय अच्छा होता है तो बाजार तेजी से आगे बढ़ता है और जब चीजें खराब होती हैं तो बाजार बहुत नीचे चला जाता है. यह हमेशा ऐसा ही होता है. आपको किसी बिंदु पर संतुलन की जरूरत है. भारत इस प्रक्रिया से गुजर रहा है.
भारतीय खान पान की चर्चा
ग्लोबलडाटा ने भारतीय खान पान को लेकर बेहतर रिपोर्ट दी है. ग्लोबलडाटा ने कहा है भारत के खान-पान की आदतें पर्यावरण से जुड़ी चिंता को दूर की उम्मीद जगाती हैं. ग्लोबलडाटा एक प्रमुख डेटा एवं विश्लेषण कंपनी है. ऐसे समय में जब दुनिया जलवायु परिवर्तन से निपटने से जूझ रहा है, भारतीय खान-पान इस चिंता से दूर करने वाला लगता है. ग्लोबलडाटा के मुताबिक भारत में शाकाहारी लोगों की संख्या काफी है. शाकाहारी भोजन का इतिहास भी बहुत पुराना है. यह पारिस्थितिकी संबंधी चिंताओं को दूर करने वाला भोजन है.
रिपोर्ट में भारत के खाद्य उपभोग पैटर्न को G20 देशों में सबसे अधिक जलवायु अनुकूल बताया गया है. इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि सभी देश भारत के भारतीय खाद्य उपभोग पैटर्न का अनुसरण करते हैं, तो 2050 तक खाद्य उत्पादन के लिए दुनिया को पृथ्वी के 0.84 प्रतिशत हिस्से की आवश्यकता होगी.