छत्तीसगढ़ के माइनिंग एरिया में ट्रांसपोर्टिंग को लेकर हुई हत्या, उड़ती कोल डस्ट और फ्लाई ऐश से हो रही लोगों की परेशानी पर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने SECL और NTPC पर नाराजगी जताते हुए कहा कि उद्योग जरूरी हैं, लेकिन जनता की जान-माल से बढ़कर नहीं।
बिना कवर कोयला ढोने पर परमिट न दें
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, SECL और NTPC को फटकार लगाते हुए कहा कि खुले में कोयला ले जा रही गाड़ियों को अनुमति न दी जाए। हाईवे पेट्रोलिंग स्टाफ गाड़ियों की फोटो सहित जांच करे। अगर नियम तोड़े जाएं तो ट्रांसपोर्टर का रजिस्ट्रेशन और एग्रीमेंट रद्द कर दिया जाए।
कोर्ट ने कहा- केवल प्रोडक्शन कहकर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते
SECL ने अपने जवाब में कहा कि वह सिर्फ कोल का प्रोडक्शन करता है, ट्रांसपोर्टिंग की जिम्मेदारी खरीदार की है। इस पर नाराज होकर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि यह तर्क वैसा ही है जैसे शराब बेचने वाला कहे कि पीने वाला जिम्मेदार है। उन्होंने दो टूक कहा कि आप मैन्युफैक्चरर हैं, आपकी भी जिम्मेदारी बनती है।
कोयला खदान के झगड़े में ट्रांसपोर्टर की हत्या
चार महीने पहले कोरबा के बुड़बुड़ खदान में कोल ट्रांसपोर्टिंग को लेकर हुए विवाद में एक ट्रांसपोर्टर की हत्या हो गई थी। इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और पूछा कि जब सबकुछ नियंत्रण में है तो हत्या क्यों हुई? अदालत ने मर्डर के लिए SECL की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया।
शराब दुकान और ढाबे के संचालन पर भी जताई आपत्ति
कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट के अनुसार, सरगांव में हाईवे के पास शराब दुकान और ढाबे चल रहे हैं। इस पर कोर्ट ने आपत्ति जताई। शासन की तरफ से बताया गया कि शराब दुकान को शिफ्ट करने की प्रक्रिया और ढाबे पर कार्रवाई जारी है, लेकिन बारिश के चलते देर हो रही है।
हाईकोर्ट ने दिए यह निर्देश
- बिना कवर कोयला ले जा रही गाड़ियों को परमिट न दें।
- हाईवे पेट्रोलिंग टीम जांच कर फोटो ले।
- नियम तोड़ने पर ट्रांसपोर्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए।
- SECL और NTPC नया शपथपत्र दाखिल करें।
चीफ जस्टिस की अगुआई वाली डिवीजन बेंच ने कहा कि विकास जरूरी है लेकिन जनता की सेहत और सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने चेतावनी दी कि यदि आगे भी लापरवाही बरती गई तो कोल ट्रांसपोर्टिंग पर रोक लगाई जा सकती है।