असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार कल (गुरुवार) से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में एक नया विधेयक पेश करेगी, जिसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ के कुछ प्रावधानों को रद्द कर दिया जाएगा. जानकारों का कहना है कि अगर यह पारित हो जाता है तो यह में समान नागरिक संहिता (UCC) के लिहाज से बड़ा कदम होगा.
Assam CM Himanta Biswa Sarma tweets, "Today the Assam Cabinet has approved the Muslim Marriage Registration Bill 2024. It has two special provisions: Now the registration of Muslim marriages will be done by the government and not by the Qazi. Registration of child marriage shall… pic.twitter.com/elP3FlIJID
— ANI (@ANI) August 21, 2024
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि राज्य में मुस्लिम लोगों के निकाह और तलाक का अनिवार्य सरकारी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. इसके लिए विधेयक आएगा. उन्होंने कहा, ‘इससे पहले मुस्लिम निकाह काजियों के जरिए रजिस्टर कराए जाते थे, लेकिन इस नए विधेयक से यह तय होगा कि समुदाय में होने वाले सभी विवाह सरकार के सामने रजिस्टर होंगे.’
इस दौरान सरमा ने यह भी दावा किया कि पहले काजियों द्वारा नाबालिगों की शादियों का भी पंजीकरण किया जाता था, लेकिन प्रस्तावित विधेयक ऐसे किसी भी कदम पर रोक लगाएगा. उन्होंने मंत्रिमंडल के फैसलों का हवाला देते हुए कहा, ‘अब नाबालिगों की शादी का पंजीकरण बिल्कुल नहीं होगा. हम बाल विवाह की कुप्रथा को खत्म करना चाहते हैं. इसलिए, विवाहों का पंजीकरण उप-पंजीयक कार्यालय में किया जाएगा.’
सीएम हिमंता ने कहा कि विवाह समारोहों के दौरान मुसलमानों द्वारा अपनाई जाने वाली रस्मों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन काजियों द्वारा पंजीकरण पर रोक लगाई गई है. बता दें कि असम मंत्रिमंडल ने पिछले महीने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 के नियमों को निरस्त करने के लिए उस विधेयक को मंजूरी दी थी, जिसके तहत विशेष परिस्थितियों में कम उम्र में विवाह की अनुमति मिलती थी.
सरमा ने कुछ दिन पहले ही राज्य में बदलते ‘डेमोग्राफी’ पर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने दावा किया था कि राज्य में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ रही है, जो कि अब करीब 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा था कि राज्य में तेजी से हो रहे जनसांख्यिकीय परिवर्तन हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह अस्तित्व का मुद्दा है. मेरे लिए यह जीने और मरने का सवाल है.