चित्तौड़गढ़: राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को लेकर पूर्व राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बड़ा हमला बोलते हुए कहा की बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ नारे के विपरीत मेधावी छात्राओं के साथ घोर अन्याय राज्य सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि मेधावी छात्राओं को प्रोत्साहित करने की कांग्रेस सरकार की योजनाओं में कटौती करके बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे विपरित कार्य करने का आरोप लगाते हुए कहा की पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2010-11 में मेधावी छात्राओं के लिए वार्षिक इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार की शुरुआत की थी जिसके तहत हर साल 1200-1300 लड़कियों को नकद पुरस्कार दिया जाता है.
यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर 19 नवंबर को प्रत्येक जिला मुख्यालय पर प्रदान किया जाता था. 2017-18 में राजे सरकार ने पुरस्कार का नाम बदलकर पद्माक्षी पुरस्कार योजना कर दिया. 2019 में जब गहलोत दोबारा सत्ता में आए तो योजना को उसका मूल नाम वापस दिया अब यह तीसरी बार है.
जब इस योजना का नाम भजनलाल सरकार ने बदल कर पद्माक्षी पुरस्कार बसंत पंचमी के दिन प्रदान करने का एलान किंतु पद्माक्षी पुरस्कार के तहत कक्षा आठ की छात्राओं के लिए नकद पुरस्कार राशि 40000 रुपये से घटाकर 25000 रुपये कर दी गई है. कक्षा दस की छात्राओं के लिए पुरस्कार राशि 75000 रुपये से घटाकर 50000 रुपये कर दी गई है. जबकि कक्षा बारहवीं में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि को घटाकर 75000 रुपये कर दिया गया है.
इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार के तहत कक्षा 12वीं की टॉपर को नकद पुरस्कार के अलावा स्कूटी भी दी गई थी एवं कुछ माह पूर्व ही राज्य सरकार ने अन्य स्कूटी योजनाओं को बंद करने का भी निर्णय लिया था. यह बालिका शिक्षा को बढ़ावे देने के बजाय उनके सपनों पर सीधा हमला किया है.