सुपौल में शिक्षा विभाग के व्यवस्था पर सवाल, 28 हजार बच्चे परीक्षा से अनुपस्थित, तीन हजार फेल

सुपौल : प्रारंभिक विद्यालयों में पिछले दिनों संपन्न हुई कक्षा एक से आठ तक के नामांकित बच्चों के घोषित वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा परिणाम ने जिले में प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था की असलियत उजागर कर दी है. परीक्षा परिणाम ने न सिर्फ विभाग के इस दावे को खारिज कर दिया है कि अब बच्चे नियमित विद्यालय पहुंचने लगे हैं और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिल रही है. इसमें भी तब सरकार ने प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य शिक्षा में रख कर हाल के वर्षों में कई तरह की सुविधाएं विकसित की है. यहां तक कि छात्र-शिक्षक के बीच वर्षों से बनी खाई को दो चरणों में शिक्षकों की बहाली कर उन्हें भरसक पाटने की कोशिश की है.

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शिक्षक समय से विद्यालय पहुंचें और वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें इस दिशा में कड़ाई तक बरती गई है. बावजूद परीक्षा परिणाम ने विभाग के हर दावे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है. एक तो नामांकित छात्रों के अनुपात में करीब 28 हजार बच्चे परीक्षा में सम्मिलित ही नहीं हुए और जो सम्मिलित हुए भी इनमें से अधिकांश बच्चे का प्रदर्शन इतना कमजोर रहा कि खुद विभाग भी परिणाम देख सकते में है.

 

अनुपस्थित बच्चों की होगी जांच, विभाग की खुल सकती पोल

विभाग को जिले के सभी 11 प्रखंडों में से प्राप्त हुए परीक्षा प्रतिवेदन के अनुसार 27,926 बच्चे परीक्षा में सम्मिलित नहीं हुए. इन सभी प्रखंडों में कक्षा 1 से लेकर 8 तक में कुल 3,95,351 बच्चे नामांकित थे. इसमें से विभाग द्वारा आयोजित वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में सिर्फ 367425 बच्चे ही सम्मिलित हो पाए. अब सवाल उठता है कि जब वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में करीब 28 हजार बच्चे परीक्षा तक में भाग नहीं लिए तो क्या वे बच्चे नियमित विद्यालय आते होंगे. उसमें भी तब जब शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति को लेकर विभाग दिन-रात आदेश पर आदेश पारित कर रहे हैं.

कहीं ऐसा तो नहीं कि विभाग के सख्ती के बाद भी परीक्षा से अनुपस्थित बच्चे का विद्यालय में आज भी फेंक नामांकन है. निश्चित ही परीक्षा से अनुपस्थित बच्चों की अगर जांच की जाए तो विभाग का गड़बड़झाला सामने आ ही जाएगा. डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान प्रवीण कुमार ने कहा कि परीक्षा से बच्चों का अनुपस्थित रहना एक गंभीर विषय है. जहां तक बच्चों के प्रदर्शन का सवाल है तो अर्द्ध वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा से वार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में बच्चों की स्थिति सुधरी है. बावजूद बच्चे के एक बड़े समूह का प्रदर्शन दयनीय होने के कारणों को गंभीरता से लिया जा रहा है. हालांकि अभी रिवीजन क्लास चलायी जा रही है। इसके बाद इन सबों की परीक्षा ली जाएगी.

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