सर्जिकल स्ट्राइक पर फिर उठाए सवाल, कांग्रेस सांसद चन्नी बोले– ‘मैं आज भी सबूत मांग रहा हूं’

कांग्रेस कार्यसमिति की शुक्रवार को लंबी बैठक हुई है. इसमें पहलगाम हमले और जाति जनगणना जैसे अहम मुद्दे पर चर्चा हुई. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि सरकार ने अभी तक जो कदम उठाए हैं, उससे कुछ नहीं होने वाला. पानी बंद करना संभव नहीं है. रही बात वाघा बॉर्डर की तो वो पहले से आवाजाही के लिए बंद है. अडानी का व्यापार दूसरे देशों के जरिए हो रहा है. पुलवामा हमले में हमारे 40 जवान शहीद हुए थे. आज तक मुझे तो पता नहीं चला कि पाकिस्तान में कहां अटैक हुआ था. कहीं सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई. कहां सर्जिकल स्ट्राइक हुई, किसी को नहीं पता. उसके सबूत मैं आज तक मांग रहा हूं.

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कांग्रेस सांसद ने कहा कि आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में CWC की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इससे पहले हुई CWC की बैठक के बाद सरकार को ये आश्वासन दिया गया था कि सरकार आतंक के खिलाफ-देश की एकता और अखंडता के लिए जो भी निर्णय लेगी, कांग्रेस उनके साथ है. ये बहुत बड़ा संकट है, जिसमें हुई सुरक्षा की चूक को देखने की जरूरत है. पहलगाम हमले में जिनकी जान गई है, सरकार उनके परिवारों को उचित मुआवजा दे. उनके री-रिहैबिलिटेशन की बात करे, उनके परिवार के लिए सरकार आगे आए.

सरकार की क्षमता पर सवाल खड़े हो गए

चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि आज देश को सुरक्षित रखने में सरकार की क्षमता पर सवाल खड़े हो गए हैं. पूरा देश इंतजार कर रहा है कि पाकिस्तान जैसे देश, जो आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं- सरकार उनके ऊपर कब कार्रवाई करेगी? हमारी मांग है कि सरकार आगे बढ़े और जिन लोगों ने हमारे देश में आतंक फैलाया है, उन पर कार्रवाई करे. इस मामले में कांग्रेस, सरकार के साथ है.

प्रधानमंत्री क्या कदम उठा रहे हैं?

वहीं, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा, पहलगाम की घटना ने पूरे देश-दुनिया को झकझोर दिया है. पूरा देश एक साथ खड़ा है. पूरा विपक्ष सरकार का साथ देने के लिए तैयार है . जो भी सरकार कदम उठाए, हम सरकार के साथ हैं लेकिन सवाल है कि प्रधानमंत्री क्या कदम उठा रहे हैं? मुझे 12 साल पुरानी छत्तीसगढ़ की घटना याद आती है. वहां नक्सलियों ने हमारे नेताओं को नाम पूछ-पूछ कर मारा. अब पहलगाम में धर्म पूछकर लोगों को मारा गया है.

दोनों घटनाओं में आतंक फैलाना उद्देश्य नहीं था

उन्होंने कहा कि दोनों घटनाओं में आतंक फैलाना उद्देश्य नहीं था. बल्कि सामाजिक स्तर पर गहरा प्रभाव छोड़ना था लेकिन भारत की जनता एक साथ है. सवाल है कि सरकार क्या फैसला लेती और क्या कार्रवाई करती है. राहुल गांधी हमेशा से जातिगत जनगणना की बात करते रहे हैं. केंद्र सरकार अचानक से ये फैसला लेगी ये हमने नहीं सोचा था. सरकार सच में जातिगत जनगणना कराना चाहती है या सिर्फ ध्यान भटकाना चाहती है?

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