उदयपुर : इन दिनों नगर निगम द्वारा लगातार अवैध अतिक्रमण और बिना अनुमति के चल रहे व्यवसायिक परिसरों को सीज करने की कार्रवाई की जा रही है, जिसे व्यापारी और स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. कानूनी जानकारों का मानना है कि नगर निगम को इस तरह की कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है.
वरिष्ठ अधिवक्ता ऋषभ कुमार जैन ने बताया कि नगर निगम का यह कदम अवैध है और तानाशाहीपूर्ण रवैया अपनाने जैसा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 131(1) के अनुसार, नगरीय विकास कर की बकाया वसूली के लिए किसी संपत्ति को सीज करना या बंद करना कानूनी नहीं है. इस धारा में केवल संपत्ति को कुर्क करने का प्रावधान है, न कि उसे सीज करने का. कुर्की की प्रक्रिया धारा 133(5) में बताई गई है, जिसमें संपत्ति पर कुर्की नोटिस चस्पा किया जाता है, और यदि बकाया कर चुकता नहीं किया जाता है तो कुर्क की गई संपत्ति को नीलाम किया जा सकता है.
अधिवक्ता ऋषभ कुमार जैन ने कहा कि नगर निगम द्वारा व्यवसायिक संपत्तियों को सीज कर व्यवसाय बंद करने की कार्रवाई पूरी तरह से अवैध है और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.