छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के राजपुर क्षेत्र में आवारा कुत्ते के काटने के ढाई महीने बाद युवक की हालत बिगड़ गई। वो पागलों की तरह हरकत करने लगा। हालत बिगड़ने पर उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में दाखिल किया गया, जहां उसकी मौत हो गई। आवारा कुत्ते के काटने के बाद परिजन युवक का जड़ी-बूटी से इलाज करा रहे थे। डॉक्टरों के अनुसार रैबीज फैलने से युवक की मौत हुई है।
जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम परसागुड़ी निवासी अविनाश लकड़ा (27) 14 मार्च को जमुनिया बाजार गया था। वहां से शाम को घर लौटने के जमुनिया मैदान के पास अविनाश लकड़ा के दाएं हाथ में आवारा कुत्ते ने काट लिया। कुत्ते ने उसी दिन गांव के अथनस टोप्पो समेत तीन अन्य लोगों को आवारा कुत्ते ने काट लिया था।
परिजन करा रहे थे जड़ी-बूटी से इलाज
अविनाश लकड़ा ने घर पहुंचकर कुत्ते के काटने की जानकारी परिजनों को दी तो परिजन जड़ी-बूटी से उसका उपचार करा रहे थे। उसे एंटी रैबीज इंजेक्शन नहीं दिया गया। कई दिनों तक अविनाश लकड़ा स्वस्थ दिखा तो परिजन भी बेफिक्र हो गए।
कुछ दिन पूर्व अविनाश लकड़ा की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। वह पागलों की तरह हरकत करने लगा और दौड़ने लगा। उसे सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। परिजनों ने उसे राजपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल कराया। उसे वहां से अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया।
रैबीज फैलने से मौत
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान रविवार को युवक की मौत हो गई। चिकित्सकों के अनुसार युवक में सभी लक्षण रैबीज के फैलने के हैं। रैबीज के फैलने के कारण ही उसकी मौत हुई है। यदि कुत्ते के काटने के बाद उसे एंटी रैबीज लगा दिया गया होता तो उसकी जान बच जाती।