रायबरेली: बिजली विभाग में जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर दिहाड़ी मजदूरों तक ने बिजली उपभोक्ताओं की नाक में दम कर रखा है. आए दिन बिजली विभाग के भ्रष्टाचार का कोई न कोई बड़ा मामला सामने आता रहता है. ताजा मामला खीरों क्षेत्र के विद्युत उपकेंद्र सेमरी के अंतर्गत आने वाले मानपुर गांव का है. वहां एक किसान से रुपये लेकर बिना एस्टीमेट बनाए फर्जी तरीके से खंभे गाड़कर लाइन बिछा दी गई और ट्रांसफार्मर रख दिया गया.
ग्रामीणों द्वारा फर्जी बनाई गई लाइन का वीडियो वायरल किए जाने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया. एसडीओ खीरों को जांच के आदेश मिले। जांच में फर्जी लाइन का मामला पकड़ में आया, आनन-फानन में खंभे, तार और ट्रांसफार्मर हटा लिए गए, एक महीने से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद दोषियों पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.
मामले में मानपुर गांव के निवासी एक किसान से उसके नलकूप का ट्रांसफार्मर लगाने के लिए रूपये मांगे गए. किसान ने जब रूपये देने से मना किया तो उसको हफ्तों तक दौड़ाया गया। मजबूरन किसान को रूपये देना पड़ा. रूपये देने के बावजूद काफी समय तक एस्टीमेट पास नहीं किया गया. रुपये हजम किए बैठे विभागीय लोगों ने फर्जी तरीके से बिना एस्टीमेट पास किया लाइन बिछा दिया. मनमाने तरीके से 25 केवीए की जगह 63 केवीए का ट्रांसफार्मर लगा दिया गया. फर्जी तरीके से बनाई गई लाइन का ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने पर विभाग ने मामले में जांच का आदेश दिया. एक महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक मामले में लीपा पोती चल रही है. अवर अभियंता रविकांत पाल की दर्जनों शिकायतें हैं. भ्रष्टाचार पूर्ण रवैए से बिजली उपभोक्ता त्रस्त हैं.
एसडीओ अनमोल डागौर ने बताया कि वायरल वीडियो के आधार पर जांच के आदेश मिले थे. जांच में फर्जी पाई गई लाइन, मानपुर निवासी त्रिभुवन सिंह पुत्र कृष्ण बहादुर सिंह के नए समरसिबल पर खींची गई थी. उसे तत्काल हटा दिया गया है. जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है.