रायबरेली: जनशिकायतों के निस्तारण में लापरवाही, शिकायतों के निस्तारण का सही फीडबैक न मिलने और इसके चलते जिले की रैकिंग प्रभावित होने को लेकर डीएम हर्षिता माथुर ने बड़ा एक्शन लिया है.
उन्होंने जहां जनसुनवाई-समाधान प्रणाली (आईजीआरएस) पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में शिथिलता बरतने पर कई अधिकारियों को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि जारी की है. डीएम द्वारा आज कलेक्ट्रेट सभागार में आईजीआरएस व सीएम हेल्पलाइन की विभागवार एवं बिन्दुवार गहन समीक्षा की गई.
समीक्षा में यह संज्ञान में आया कि जनपद के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा बिना शिकायतकर्ता से सम्पर्क एवं स्थलीय निरीक्षण किए संदर्भों का अपूर्ण निस्तारण किया जा रहा है. जन शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में शिकायतकर्ता से सम्पर्क किए जाने का विवरण आईजीआरएस पोर्टल पर अवश्य फीड किए जाने हेतु शासन स्तर से समय-समय पर निर्देश दिए जाने के उपरान्त भी उक्त का अनुपालन नहीं किया जा रहा है जो कि शासन की मंशा के विपरीत है.
इसी कारण से जनपद में आनलाइन व सीएम हेल्पलाइन सन्दर्भों में शिकायतकर्ता से सम्पर्क स्थलीय निरीक्षण संतोषजनक कार्य नहीं किया गया. जिसका नकारात्मक प्रभाव जनपद की रैंकिंग पर पड़ रहा है.
डीएम ने आईजीआरएस एवं सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा करते हुए अधिशासी अभियंता सिंचाई व जल निगम(ग्रामीण), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी,जिला कार्यक्रम अधिकारी, बीडीओ सतांव और बीडीओ महराजगंज, सीडीपीओ छतोह, डीह व जगतपुर की कार्य प्रणाली संतोषजनक न पाए जाने पर कड़ी फटकार लगाई है. इसके अलावा डीएम ने अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत ऊंचाहार व नसीराबाद, सीओ चकबंदी, एडीओ पंचायत हरचंदपुर व बछरावां का वेतन रोक दिया और 3 दिवस में स्पष्टीकरण मांगा है और कहा कि स्पष्टीकरण संतोषजनक न मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.
इसके साथ ही चकबंदी अधिकारी सदर और हरचंदपुर को चेतावनी देकर बक्श दिया.
डीएम ने समीक्षा में यह भी पाया कि विद्युत विभाग, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें आ रही हैं, जिसपर उन्होंने संबंधित को प्रत्येक आवेदक से संपर्क कर फील्ड इंस्पेक्शन करने के उपरांत ही निस्तारण के निर्देश दिए गए.
लालगंज ब्लाक के पंचायत सचिव फूलचंद्र को दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता करने हेतु निलंबित किए जाने के निर्देश दिया है.
जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर जनसामान्य की समस्याओं का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है, इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता व उदासीनता अक्षम्य है, शिकायतों के समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण में लापरवाही करने वालों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी.
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