राम मंदिर में राहुल गांधी के नाच-गाना वाले बयान को लेकर अयोध्या के साधु-संतों ने नाराजगी जताई है. राहुल ने 26 सितंबर को हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था, ‘अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं आने दिया गया. उनसे कहा गया कि आप आदिवासी हो. आप अंदर आ ही नहीं सकती, अलाउ नहीं है. अयोध्या में नाच-गाना चल रहा है.’
उनके बयान पर राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार शुरू से कह रही है कि राम का अस्तित्व नहीं है. ऐसे में उनके नेता तो ऐसा बोलेंगे ही. जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी. प्राण प्रतिष्ठा को राहुल अगर नौटंकी बता रहे हैं, तो उनकी ऐसी भावना रही होगी. उनकी नजर में यह नौटंकी है, लेकिन भक्तों की नजर में प्राण प्रतिष्ठा हुई. इसमें भगवान श्रीराम की बालक रूप में स्थापना हुई है.’
वहीं, हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, ‘राहुल गांधी की बुद्धि खराब हो गई है. उन्हें यह नहीं पता है कि 500 साल के संघर्ष के बाद यह पल आया.’
Rahul Gandhi's hatred for Hindus has reached new heights as he shamelessly referred to the grand opening of Shri Ram Mandir in Ayodhya as merely a "Dance Program."
Dear Rahul Gandhi, countless Hindus have shed their blood and made sacrifices for this sacred moment. Your vile… pic.twitter.com/jioKFfXpmU
— Satya Kumar Yadav (@satyakumar_y) September 27, 2024
राहुल का पूरा बयान, जिस पर विवाद है…
अयोध्या में मंदिर खोला, वहां अडाणी दिखे, अंबानी दिखे, पूरा बॉलीवुड दिख गया, लेकिन एक भी गरीब किसान नहीं दिखा. सच है… इसलिए तो अवधेश ने इनको पटका है. अवधेश वहां के एमपी हैं. इसलिए तो वो जीता है. सबने देखा, आपने राम मंदिर खोला, सबसे पहले आपने राष्ट्रपति से कहा कि आप आदिवासी हो. आप अंदर आ ही नहीं सकती, अलाउ नहीं है. आपने किसी मजदूर, किसान, आदिवासी को देखा, कोई नहीं था वहां. डांस-गाना चल रहा है. प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे हैं, सब देख रहे हैं.
अयोध्या के संत राहुल के बयान से नाराज
- हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने कहा, ‘राहुल का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है. हम निंदा करते हैं. मांग करते हैं, उन हिंदू संगठन और सेक्युलर लोगों से कि वो राहुल के लिए प्रार्थना करें. उनकी बुद्धि खराब हो गई है. उन्हें यही नहीं पता है कि 500 साल के संघर्ष के बाद लाखों हिंदू जनमानस ने त्याग किया. उसके बाद यह पल आया. भव्य रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण हुआ. तब ये कह देना कि बॉलीवुड के एक्टर्स को बुलाकर डांस-गाना किया जा रहा था. कांग्रेस तो शुरू से ही नहीं चाहती थी कि मंदिर बने. मंदिर का विरोध करती थी, कांग्रेस को परेशानी है। कांग्रेसी हमेशा सनातन विरोधी रहे हैं. आप देखिए, राहुल गांधी लगातार हिंदू देवी-देवता, साधु-संतों, मंदिर और संस्कृति का विरोध करते आ रहे हैं. राम मंदिर का तो बार-बार अपमान कर रहे हैं.’
- विश्व हिंदू प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के मीडिया इंचार्ज शरद शर्मा ने कहा, ‘राहुल गांधी की मानसिकता विक्षिप्त हो गई है. उनकी पार्टी तो राम के अस्तित्व को ही नकारती है. ऐसी भाषा का प्रयोग दुखद है. वह विदेशी मानसिकता से ग्रस्त हैं. उनका इलाज आगरा में कराया जाना चाहिए और समाज ऐसे लोगों को दंड देने का काम करे.
- मंगल भवन पीठाधीश्वर महंत राम भूषण दास कृपालु, ‘अयोध्या के मंदिर में भगवान श्रीराम खुद बैठे हैं. वह गरीबों के सबसे बड़े मसीहा हैं. हमें लगता है कि राहुल गांधी देश के सबसे बड़े गरीब हैं, लेकिन वह खुद प्राण प्रतिष्ठा में नहीं आए. वे आते तो हम सबको अच्छा लगता. जहां खुद गरीबों का मसीहा देवता के रूप में विराजमान हो, वहां गरीबों का कल्याण वैसे ही होता है.’
भाजपा बोली- आपके लिए ताजमहल उदाहरण, जिसमें श्रमिकों के हाथ कटवा दिए
राहुल गांधी के इस बयान के बाद दिल्ली BJP मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा- ‘राहुल गांधी को प्राण-प्रतिष्ठा में कोई श्रमिक नजर नहीं आया. अरे श्रमिकों पर पुष्प वर्षा की गई. श्रमिकों का जैसा सम्मान हुआ, वैसा ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के दौरान हुआ था. मैं पूछता हूं कि कांग्रेस के शासन काल में कभी ऐसा हुआ हो. आप तो उस ताजमहल को उदाहरण बताते थे, जिसे बनवाने के बाद हजारों श्रमिकों के हाथ कटवा दिए गए. यूपी महिला आयोग की उपाध्यक्ष अपर्णा यादव ने कहा, ‘राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए. उन्हें प्रधानमंत्री या रामलला पर कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.