बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान के विरोध में इंडी गठबंधन द्वारा बुलाए गए बिहार बंद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राज्य यात्रा को लेकर राज्य की सत्ता पक्ष एनडीए ने कड़ा रुख अपनाया है. राज्य के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राहुल गांधी पर सीधा हमला करते हुए उनकी यात्रा को राजनीतिक सैर-सपाटा करार दिया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी महज चुनावी मौसम को देखते हुए पॉलिटिकल पिकनिक के लिए बिहार आए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी की यात्रा का जनकल्याण से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी एक अस्थिर चित्त के व्यक्ति हैं, जो मौसम के अनुसार अपना चाल-चरित्र बदलते हैं.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
सिन्हा ने विपक्षी दलों की मंशा पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी मानसिकता संविधान विरोधी और लोकतंत्र को कमजोर करने की रही है. उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया को स्वाभाविक, पारदर्शी और लोकतांत्रिक बताया और कहा कि इसका विरोध करना सिर्फ जनता को गुमराह करने की साजिश है.
न्होने महागठबंधन द्वारा बुलाए गए बंद को “चुनावी स्टंट” और “परिवारवादियों का जमावड़ा” बताया. राहुल गांधी द्वारा संविधान की प्रति लहराने पर तंज कसते हुए सिन्हा ने कहा, “कल उनके हाथ में संविधान का खाली पन्ना उनकी गंभीरता और जागरूकता पर सवाल खड़ा करता है.”
विजय सिन्हा ने जानकारी दी कि 97% से अधिक मतदाताओं को सत्यापन फॉर्म वितरित किया जा चुका है और चुनाव आयोग पहले ही यह स्पष्ट कर चुका है कि किसी भी पात्र नागरिक के मताधिकार का उल्लंघन नहीं होगा. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक रंग देकर अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन जनता विकास के पक्ष में है और इन भ्रम फैलाने वालों को जवाब देगी.
बिहार बंद और चक्का जाम पूरी तरह नौटंकी: जीतन राम मांझी
केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी विपक्षी दलों पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि इंडी गठबंधन की ओर से बुलाया गया बंद पूरी तरह से नौटंकी बनकर रह गया. मांझी ने आरोप लगाया कि नेताओं ने प्रदर्शन की घोषणा तो की, लेकिन कुछ कदम भी पैदल नहीं चल पाए. किसी को धूप से परेशानी थी, तो किसी को भीड़ से, जबकि उनके कार्यकर्ता सड़कों पर पैदल चलते रहे और नेता गाड़ियों में बैठे रहे.