कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरों को लेकर की गई टिप्पणी पर सियासी संग्राम छिड़ गया है। खरगे ने रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित किसान-जवान-संविधान सभा में सात जुलाई को कहा था कि अमित शाह का न तो छत्तीसगढ़ में घर है, न ससुराल, फिर भी वह बार-बार यहां क्यों आ रहे हैं?
खरगे ने आरोप लगाया था कि शाह गरीबों के लिए नहीं, बल्कि राज्य के खनिज संसाधनों को लूटने के इरादे से आ रहे हैं। इस बयान पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस से यह भी पूछा कि जब कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का विदेशों में न घर है और न ससुराल, तो वह बार-बार विदेश क्यों जाते हैं?
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
केदार कश्यप ने कहा कि संसद का सत्र हो, कोई आंदोलन चल रहा हो या देश में कोई बड़ी घटना घट रही हो, राहुल गांधी अक्सर ऐसे समय विदेश रवाना हो जाते हैं। विदेश जाकर भी वह भारत के खिलाफ बयानबाजी करते हैं और भारतीय संविधान की आलोचना करते हैं।
मंत्री केदार कश्यप ने खरगे के बयान को ओछी और स्तरहीन राजनीति करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री न केवल देश के आंतरिक सुरक्षा के प्रमुख हैं, बल्कि माओवाद प्रभावित इलाकों की रणनीतिक समीक्षा करना उनका दायित्व है। शाह छत्तीसगढ़ में माओवाद के उन्मूलन के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं और यही कारण है कि बार-बार राज्य का दौरा कर रहे हैं।
खरगे भी माओवादियों से सहानुभूति रखने वालों में
मंत्री कश्यप ने कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या खरगे भी उन्हीं नेताओं की तरह हैं जो माओवादियों से सहानुभूति रखते हैं? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में माओवाद अंतिम सांसें गिन रहा है और यह कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है।
कश्यप ने अमित शाह की तुलना शेर से करते हुए कहा कि जब शेर दहाड़ता है तो सियार भाग जाते हैं। शाह देशहित में निर्भीकता से कार्य कर रहे हैं और बस्तर जैसे क्षेत्रों में विकास व शांति स्थापित करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठा रहे हैं। भाजपा ने खरगे से उनके बयान पर माफी की भी मांग की है।