जबलपुर : आबकारी विभाग में फर्जी चालान लगाकर करोड़ों की शराब गोदाम से दुकान में ले जाने और बेचने वाले शराब ठेकेदारों के घर और दफ्तर में ईडी ने छापा मारा. छापे की कार्रवाई सोमवार सुबह जबलपुर के साथ इंदौर और भोपाल में भी हुई. जबलपुर में शराब ठेकेदार जायसवाल और चौकसे ग्रुप के घर और दफ्तर में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची.
ठेकेदारों में भी मचा हड़कंप
इधर कार्रवाई की खबर जबलपुर में आग की तरह फैली और आबकारी विभाग के अधिकारी से लेकर ठेकेदारों तक हड़कंप मच गया. जिले में करीब 130 से ज्यादा शराब दुकानें हैं, जिनका मार्च में ही करीब एक हजार करोड़ से ज्यादा का नया ठेका हुआ है.
सूत्रों की मानें तो डीई के अधिकारी रात में ही जबलपुर पहुंच गए थे और उन्होंने जायसवाल और चौकसे समेत कई ठेकेदारों के यहां छापेमारी की। उनके घर और ठिकानों पर सुबह जांच दल पहुंचा.
शराब कारोबारियों के ठिकानों पर ईडी की रेड, जब्त किए गए महत्वपूर्ण दस्तावेज
फर्जी चालान लगाकर करोड़ों की शराब बेचने का आरोप, ईडी इसकी जांच में जुटी. ईडी की कार्रवाई से शराब कारोबारियों के साथ ठेकेदारों में भी हड़कंप, जांच जारी.
आबकारी विभाग में फर्जी चालान लगाकर करोड़ों की शराब गोदाम से दुकान में ले जाने और बेचने वाले शराब ठेकेदारों के घर और दफ्तर में ईडी ने छापा मारा. छापे की कार्रवाई सोमवार सुबह जबलपुर के साथ इंदौर और भोपाल में भी हुई. जबलपुर में शराब ठेकेदार जायसवाल और चौकसे ग्रुप के घर और दफ्तर में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंची.
इनके तार इंदौर और भोपाल के शराब कारोबारियों से जुड़े हैं. जांच दल ने मौके से शराब ठेके से जुड़े दस्तावेज, बैंक डिटेल और कम्प्यूटर हार्ड डिस्क व लैपटाप जप्त किया है. हालांकि जांच दोपहर को भी जारी रही.
ठेकेदारों में भी मचा हड़कंप
इधर कार्रवाई की खबर जबलपुर में आग की तरह फैली और आबकारी विभाग के अधिकारी से लेकर ठेकेदारों तक हड़कंप मच गया. जिले में करीब 130 से ज्यादा शराब दुकानें हैं, जिनका मार्च में ही करीब एक हजार करोड़ से ज्यादा का नया ठेका हुआ है.
सूत्रों की मानें तो डीई के अधिकारी रात में ही जबलपुर पहुंच गए थे और उन्होंने जायसवाल और चौकसे समेत कई ठेकेदारों के यहां छापेमारी की. उनके घर और ठिकानों पर सुबह जांच दल पहुंचा.
जानकारी के मुताबिक आठ अगस्त 2017 में इंदौर के रावजी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर 172/2017 दर्ज की गई थी. ईडी ने आबकारी विभाग से आंतरिक जांच के आधार पर दर्ज प्राथमिकी के संबंध में विवरण उपलब्ध कराने को कहा था.
फर्जी चालान लगाने के प्रमाण मिले
इस संबंध में ईडी ने एक पत्र लिखा, जिसमें लिखा गया था कि शराब ठेकेदारों से वसूली गई राशि, यदि कोई हो तो उसका विवरण उपलब्ध कराएं. सूत्रों की मानें तो वर्ष 2017 में यह पूरा प्रकरण सामने आया, जिसमें फर्जी चालान लगाने के प्रमाण मिले। ठेकेदारों ने आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 71 करोड़ रुपए तक का फर्जीवाड़ा है.
इंदौर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में वर्ष 2015 से 2018 के बीच सरकारी गोदाम से शराब लेने के लिए इस्तेमाल हुए 194 बैंक चालानों में गड़बड़ी सामने आई थी. इसमें एक हजार के चालान में दो जीरो बढ़ाकर लाख कर किया और फिर उस चालान से ठेकेदारों ने गोदामों से उतनी ही राशि की शराब ली थी.